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एक हजार बीघे भूमि लगी फसलों पर मंडराया खतरा

By Edited By: Published: Fri, 25 Jul 2014 11:34 PM (IST)Updated: Fri, 25 Jul 2014 11:34 PM (IST)
एक हजार बीघे भूमि लगी फसलों पर मंडराया खतरा

गोंडा: सरयू व घाघरा के जलस्तर में गिरावट का सिलसिला शुक्रवार की दोपहर बाद थम गया। दोनों नदियों का जलस्तर स्थिर है। एल्गिन ब्रिज पर घाघरा नदी खतरे के निशान से 39 सेमी ऊपर, जबकि अयोध्या में सरयू नदी खतरे के निशान से महज दो सेमी नीचे है। जलस्तर स्थिर होने से माझा इलाके में लगी करीब एक हजार बीघा गन्ने की फसलों को खतरा पैदा हो गया है। वहीं, लोग बाढ़ को लेकर परेशान हैं।

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जिले की कर्नलगंज व तरबगंज तहसील में नदियों की किनारे बसी पांच लाख आबादी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। दो दिनों से नदियों का जलस्तर लगातार घटने से लोगों ने राहत की सांस ली थी, लेकिन शुक्रवार की दोपहर से जलस्तर में गिरावट का दौर थमने से लोगों की बेचैनियां बढ़ गई। हालांकि अभी तक किसी भी मजरे के अंदर बाढ़ का पानी नहीं घुसा है, लेकिन किसानों की करीब एक हजार बीघा भूमि में लगी गन्ना व धान की फसलें खराब होने की संभावना बढ़ गई है। जिसको लेकर किसान चिंतित हैं। काफी दिनों तक जलजमाव रहने से गन्ना की फसल सूखने की साथ ही धान की फसल गलने की संभावना बढ़ गई है। बाढ़ कार्य खंड के अनुसार शुक्रवार की शाम चार बजे तक एल्गिन ब्रिज पर घाघरा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 39 सेमी ऊपर था, जबकि अयोध्या में सरयू नदी खतरे के निशान से सिर्फ दो सेमी नीचे बह रही थी। दोनों नदियों का जलस्तर स्थिर है। जिला प्रशासन ने लोगों के आवागमन के लिए तरबगंज के साखीपुर, तुलसीपुरमाझा, दुर्गागंज, माझाराठ, गोकुला, जैतपुर व कर्नलगंज के चंदापुर किटौली में नावें लगाई हैं। इसके साथ ही जैतपुर व दुर्गागंज में पीड़ितों को खाद्य सामग्री का वितरण किया गया है।

इनसेट

स्थिति पर है नजर

''दोनों नदियों का जलस्तर स्थिर है। तरबगंज व कर्नलगंज के एसडीएम को स्थिति पर नजर रखने के साथ ही आवश्यकतानुसार नावों का संचालन कराने के निर्देश दिये गये हैं। ''

-राकेश कुमार मालपाणी, एडीएम

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गन्ने व धान की फसलों को होता है नुकसान

'' 10-15 दिनों तक जलभराव की स्थिति होने के साथ ही तेज धूप निकलने से गन्ने की फसल जहां सूखने लगती है, वहीं धान की पौध गल जाते हैं। बाढ़ का पानी भरने से तरबगंज व कर्नलगंज क्षेत्र के तराई इलाकों में सबसे ज्यादा नुकसान गन्ने को होता है। जलभराव के कारण फसलों के उत्पादन में गिरावट के साथ ही पौधों का विकास रुक जाता है। ''

-उपेंद्रनाथ सिंह, कृषि वैज्ञानिक, एलबीएस केवीके गोपालग्राम

इनसेट

शुक्रवार को नदियों का जलस्तर

नदी खतरे का निशान जलस्तर

घाघरा 106.07 106.46

सरयू 92.73 92.71

आवागमन के लिए लगाई गई नावें-24

नोट: जलस्तर मीटर में है।


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