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नेता नहीं बुझवा पाए खेतों की 'प्यास'

By Edited By: Published: Wed, 23 Apr 2014 12:11 AM (IST)Updated: Wed, 23 Apr 2014 12:11 AM (IST)
नेता नहीं बुझवा पाए खेतों की 'प्यास'

परसपुर (गोंडा): खेतों की प्यास बुझाने के लिए परसपुर क्षेत्र में लगे 10 नलकूप बंद पड़े हैं। क्षेत्रीय लोगों के हलक को तरोताजा रखने के लिए लगाए गए हैंडपंपों में से पांच सौ बंद पड़े हैं। वोट के सौदागर इस समय क्षेत्र के हर मोड़, गली-कूचों व कस्बों की सड़कों से लेकर गांव की गलियों में घूम रहे हैं। वह पेयजल व सिंचाई की इस ज्वलंत मुद्दे से बेखबर हैं।

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परसपुर क्षेत्र में खेतों की सिंचाई के लिए 21 राजकीय नलकूप लगे हैं, जिसमें से 10 नलकूप खराब होने से बंद हैं। इसके चलते किसानों की फसलें प्यास से कुम्हला रही हैं।

परसपुर क्षेत्र के मोहनागांव में लगा 23 टीजी का ट्रांसफार्मर खराब है। परसपुर गांव का 32 टीजी यांत्रिक खराबी व 46 टीजी विद्युत खराबी से बंद पड़ा है। नरायनपुर मर्दन में लगा 64 टीजी का केबिल खराब है। वहीं गांधी ग्राम विशुनपुर कलां का 68 टीजी मोटर खराब होने से बंद है। डेहरास का 58 टीजी, मरचौर का 117 टीजी, राजाटोला परसपुर का नलकूप भी यांत्रिक खराबी से बंद है। मधईपुर कुर्मी में लगा 129 टीजी का पोल टूटने व कड़रु का 38 टीजी तथा त्योरासी के 33 टीजी का नाली टूट जाने से बंद पड़ा है। वहीं परसपुर का 46 टीजी दो दशक से पानी नहीं दे रहा है। इसका मोटर गायब है। नाली टूट चुकी है। तार चोर काट ले गए, हौज पर बड़े-बड़े खजूर के पेड़ उग आए। केवल नलकूप का ढांचा खड़ा नलकूप होने का स्थान दर्ज करा रहा है।

वहीं परसपुर क्षेत्र में लगे पांच सौ हैंडपंप खराब हैं। इसमें कई हैंडपंप तो ऐसे हैं जो लगने के कुछ दिन बाद ही खराब हो गए। परसपुर मुख्यालय पर ही सबलबाबा कुंआ, मेवालाल मौर्य, डिग्री कालेज, सीताशरण पांडेय, मनबोध सिंह, राजमंदिर, संजय सिंह, राजेंद्र सिंह गल्ला व्यापारी, हरि संकीर्तन मंडल धर्मशाला, राकेश सिंह, भौरीगंज में मगलौसा रामजानकी मंदिर आदि स्थानों पर हैंडपंप खराब है। लोग पेयजल के लिए परेशान हैं। लोकसभा का चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी पेयजल व सिंचाई जैसी बुनियादी जरूरत से बेखबर हैं। जब कोई मतदाता इनका ध्यान इस तरफ दिलाता है तो यह आचार संहिता का हवाला देकर चुनाव बाद इसे ठीक कराने की बात कहते हैं। खराब नलकूप व हैंडपंप मात्र शोपीस बनकर रह गए हैं और भीषण गर्मी में न तो खेतों की सिंचाई हो पा रही है और न ही तालाब में पानी की भराई हो पा रही है।


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