शिक्षकों के अभाव में 50 विद्यालय बंद
परसपुर (गोंडा): आज के नौनिहाल कल देश के भविष्य होंगे। इन्हें शिक्षित किए बगैर देश नहीं संवरेगा। इसके लिए जरूरी है कि इनकी बुनियादी शिक्षा मजबूत की जाए परंतु इनकी बुनियादी शिक्षा के प्रति क्षेत्र के जनप्रतिनिधि कितना सजग है इसकी बानगी देखना हो तो परसपुर क्षेत्र में आपको देखने को मिल जाएगी।
परसपुर क्षेत्र में 282 स्कूल हैं। इसमें प्राथमिक विद्यालयों की संख्या 187 व जूनियर हाईस्कूल 95 है। 282 विद्यालयों में अध्यापकों की तैनाती 285 है। इसमें प्राथमिक विद्यालय में 147 व जूनियर हाईस्कूल में 138 अध्यापकों की तैनाती है। इस आकड़े के हिसाब से प्रत्येक विद्यालय में एक अध्यापक की तैनाती है परंतु वास्तविकता इससे परे है। खंड शिक्षा अधिकारी को जिस अध्यापक ने खुश रखा उनकी तैनाती मनमाफिक जगह कर दी गई। भले ही जहां पर उनकी तैनाती थी वह स्कूल बंद ही क्यों न करना पड़े। ब्लॉक मुख्यालय व आस-पास के विद्यालयों में जहां अध्यापकों की संख्या अधिक है वहीं माझा क्षेत्र व दूर दराज के विद्यालय जहां अध्यापक की तैनाती तो है कागज में स्कूल खुला है परंतु मौके पर स्कूल बंद चल रहा है। इसकी अगर मिशाल देखना हो तो घाघरा नदी के समीप बने दो जूनियर स्कूल इकनियां माझा व पसका द्वितीय में देखने को मिलेगी। बाढ़ की विनाश लीला से यहां के लोग वैसे ही प्रत्येक वर्ष तबाह होते हैं। किसी तरह अपने बच्चों का भविष्य सवांरना भी चाहें तो स्कूल बंद होने से उनके बच्चे शिक्षा से वंचित रह जाते हैं। यह दो स्कूल तो ऐसे हैं जिसमें अध्यापक की तैनाती होने के बावजूद उनके न आने से बंद पड़े हैं। 50 विद्यालय वर्तमान समय में अध्यापक के अभाव में बंद है। इसमें 10 जूनियर हाईस्कूल व 40 प्राथमिक स्कूल है। जूनियर हाईस्कूल सुसुंडा, बकसैला, गूरेटी, नंदौररेती, ढोंगवा, नरायनपुर मर्दन, पूरे सेठ, अहिबरनपुरवा, रंजीतपुर व सरफराजगंज शामिल है। इसी तरह प्राथमिक विद्यालय धमरैया, धमरैया डीहा, डेहरास प्रथम, उधौरा, मरचौर, हरदीटांड, पूरे भैया नागेश्वर, बिहूरी, अकोहरी द्वितीय, गलिबहा, चरौहा, हरदिया सपौर, पूरेलाली, करैला, पूरे बिलंद, भयापुरवा, नकहा, परसीगोंडा, दूबेपुरवा, तपस्वीधाम, बरुहा माझा, बंबरपुरवा, पश्चिमपुरवा, सरैयाडीह, भानपुरवा, गूरेटी द्वितीय, पूरेनिहाल, कटैलाडीहा, मलांव द्वितीय, सुभागपुर, पूरेगजराज, मोहम्मदपुरडीहा, रघुवीरपुरवा, मेहरबानपुरवा, विशुनपुर खुर्द, उधौराडीहा, ज्ञानपुर, झींगुरपुरवा, बाबामाझा, पूरे बिहारी, चौहानपुरवा, अहिरनपुरवा, खालेपुरवा, वृंदावन, संभरपुरवा, पूरे परसा, रामहेत व खरिकवा का स्कूल अध्यापकों के अभाव में बंद है। बच्चों के अभिभावक से मत लेकर अपना भविष्य संवारने वाले जन प्रतिनिधि बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। यह विद्यालय क्यों बंद है इसमें शिक्षक की तैनाती क्यों नहीं हो रही है। इसकी फिक्र इन्हें नहीं है। वहीं अधिकारी इनके निष्क्रियता का फायदा उठा रहे हैं।