हर साल मिलता बजट पर नहीं होता रखरखाव
गाजीपुर : राजकीय नलकूप के रखरखाव के मद में हर साल 20 हजार रुपये शासन से उपलब्ध कराए जाते हैं लेकिन इस राशि की बंदरबांट हो रही है। नतीजा सैकड़ों नलकूपों की नालियां तक क्षतिग्रस्त पड़ी हैं।
राजकीय नलकूपों की स्थिति दिनोंदिन दयनीय होती जा रही है। अधिकतर खराब रहते है और जो ठीक है वहां की साइफन व नालिया की स्थिति काफी बदतर है। किसान के खेतों तक पानी जाने का प्रमुख साधन रखरखाव के अभाव में दम तोड़ रहा है। यही वजह है कि किसानों का भरोसा भी राजकीय नलकूपों से उठ रहा है। जिले में कुल 735 राजकीय नलकूप है। एक लाख 64 हजार हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि की सिंचाई इन नलकूपों पर निर्भर है। इनके रखरखाव के लिए शासन प्रति नलकूप 20 हजार रुपये विभाग को उपलब्ध कराता है मगर लूट-खसोट के कारण ये धन भी कम पड़ रहा है। नतीजा अधिकतर नालियों का किसानों के खेतों में विलय हो चुका है या उस पर अतिक्रमण कर सड़क का निर्माण करा दिया गया है। साइफन को तोड़ कर उसकी ईटों को अधिकतर ग्रामीणों ने अपने इस्तेमाल में ले लिया है। किसानों ने इसकी शिकायत की लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला। सदर ब्लाक के रानीपुर, चौरहीं, नूरपुर, मुहम्मदाबाद ब्लाक के हुसैनपुर, सदिकापुर, नगवा नवापुरा आदि कई गांव है जहां नालियों व साइफन का नामोनिशान मिट चुका है। वहां सड़कें बन चुकी है या घास-फूस उग आए है।
अतिक्रमण करने वालों पर होगी कार्रवाई
नलकूप खंड प्रथम के अधिशासी अभियंता राधा रमन पासवान ने बताया कि प्रति नलकूप मरम्मत के लिए 20 हजार रुपये आते है जिनमें से अधिकतर मोटर व अन्य मेंटनेंस करने में धनराशि खत्म हो जाती है जिसके चलते नालियों की सफाई नहीं हो पाती है। बताया कि नालियों पर अतिक्रमण करने वालों को नोटिस जारी की गई है। अतिक्रमण न हटाने पर कानूनी कार्रवाई होगी।
छह माह से खराब राजकीय नलकूप
जखनियां : मीरपुर में लगा सरकारी टयूबेल छह माह से खराब होने से पांच सौ बीघा धान सूखने के कगार पर है। किसान मंगला सिंह, सुदामा राम, दुक्खी राम, कैलाश राम ने बताया कि प्रचंड सूखे मे नहर के साथ सरकारी नलकूप भी दगा दे रहे हैं। तहसील दिवस में करने के बावजूद अभी तक नलकूप नहीं बना। जेई लक्षिराम चौहान ने बताया कि नलकूप को सादात पावर हाउस से विद्युत आपूर्ति होती है। वोल्टेज लो होने के चलते नलकूप नहीं चल पा रहा है।
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