चोरों को भनक नहीं ,अष्टधातु की मूर्ति थी तिजोरी में
जागरण संवाददाता, कासिमाबाद (गाजीपुर): मंदिर की उतरी चहारदीवारी के पास मिला गमछा व टार्च पुलिस को
जागरण संवाददाता, कासिमाबाद (गाजीपुर): मंदिर की उतरी चहारदीवारी के पास मिला गमछा व टार्च पुलिस को चोरों को तक पहुंचाएगा। इसे बरामद कर तहकीकात की जा रही है। आशंका जताई जा रही है कि इसी तरफ से दीवार फांद कर चोर मंदिर में प्रवेश किए होंगे। वैसे भी यह ऐतिहासिक पंचमंदिर पहले से चोरों के निशाने पर रहा है। हालांकि अब की उन्हें शायद इस बात की भनक नहीं थी कि अष्टधातु की मूर्ति तिजोरी में रखी गई है।
दरअसल, सैकड़ों वर्ष पुराने पंचमंदिर में अष्टधातु की भगवान श्रीकृष्ण मूर्ति स्थापित थी। इसे चोरों ने 3 नवंबर 1992 को चुरा लिया था। तब पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए मूर्ति को पखवाड़े भर के अंदर ही 16 नवंबर को बरामद कर लिया। हालांकि मूर्ति खंडित होने के कारण उसे मंदिर में स्थित तिजोरी में बंद कर दिया गया था। उसके स्थान पर पीतल की नई मूर्ति स्थापित कर दी गई थी। उसके बाद मंदिर में पुलिस की ड्यूटी लगा दी गई। इसे कुछ वर्षों पूर्व हटा लिया गया था। इस दौरान चोरों ने दो बार चोरी का प्रयास किया था। ऐसे में मामले की गंभीरता को समझते हुए वहां पुन: एक पुलिस कर्मी व एक होमगार्ड की ड्यूटी दोबारा से लगा दी गई थी। सुभाष जायसवाल के पूर्वजों ने मंदिर का निर्माण करवाया था।
बढ़ता जा रहा चोरों का दुस्साहस
दो माह पूर्व थाना क्षेत्र के इंदौर में राधा कृष्ण मंदिर के महंत गौतम दास की हत्या कर चोरों ने अष्टधातु की मूर्तियां चुरा लीं थीं। अब तक पुलिस महंत के हत्यारों तक पहुंची नहीं पाई कि दूसरी मूर्ति चोरी हो गई। इससे पुलिस के सामने दूसरी चुनौती खड़ी हो गई है। इससे साबित होता है कि लगातार चोरों का मनोबल बढ़ता जा रहा है।