पशु हाट में क्यों छाया रहा सियापा
जागरण संवाददाता, दिलदारनगर (गाजीपुर) : दुधारू पशु व्यापारियों और पशुओं की आवक से लगातार तीन दिनों तक
जागरण संवाददाता, दिलदारनगर (गाजीपुर) : दुधारू पशु व्यापारियों और पशुओं की आवक से लगातार तीन दिनों तक गुलजार रहने वाले पुराना पशु हाट तथा कुशवाहा पशु हाट में बुधवार को भी सियापा पसरा रहा। बीते शनिवार की रात अचानक दोनों पशु हाटों पर गिरी शासन प्रशासन की गाज से पशुपालकों, पशु व्यवसाइयों सहित पशु हाट में भूसा, चुन्नी, खाली व पशुओं सहित अन्य रोजमर्रा के सामानों की बिक्री कर अपने परिवार का भरण पोषण करने वाले छोटे व्यवसायियों के सामने भी रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। यहां तक की पशु हाट से पशुओं का गोबर उठा उपला बना कर अपना पेट पालने वाले गरीब परिवार की महिलाओं के सामने भी भारी परेशानी उत्पन हो गयी है। साथ ही पशु हाटों की बंदी ने क्षेत्रवासियों सहित चाय विक्रेताओं के सामने दूध की किल्लत पैदा हो गई है।
क्षेत्र के दिलदारनगर गांव में लगने वाले साप्ताहिक दोनों पशु हाटो में शनिवार से ही पूर्वांचल के जिलों सहित पश्चिमी उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल, झारखंड से पशु व्यापारियों व पशुपालकों का दुधारू पशुओं की खरीद बिक्री के लिए जमावड़ा होने लगता है। जो मंगलवार तक चलता है। व्यापारी स्थानीय पशु हाटो में सुरक्षित ढंग यहां रुकते हैं। उसी दिन से देर शाम दुधारू पशुओं के खरीद बिक्री के लिए बुधवार को जिले से सचिन बिहार प्रांत के बक्सर जिला के चौसा साप्ताहिक पशु हाट से पशुओं की खरीद-फरोख्त करते हैं।
बोले पशु कारोबारी ..
पशु व्यवसायी हरिशंकर यादव, अनिल यादव, गुप्तेश्वर, अखिलेश यादव, संतोष यादव, संजय आदि ने बताया कि दोनों पशु हाटों को राजनीतिक साजिश से प्रेरित होकर प्रशासनिक दबाव से बंद कराया गया है। जिसके चलते रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो गई है। तो दूसरी ओर पशु हाट में भूसा, चाय पान तथा खली चुनी बेचने वाले बसंत, पप्पू राम, मुस्लिम, हसन साह आदि ने बताया कि पशु हाट की बंदी से उनका तो रोजगार ही चौपट हो जाएगा। न्यायालय की शरण में जाएंगे। मेला मालिकान दिलदारनगर पशु घाटों की बंदी को लेकर पशु हाट प्रबंधकों ने भी काफी नाराजगी है। न्याय को लेकर हाईकोर्ट तक की शरण में जाने के लिए हाट मालिक अपना मूड बना रहे हैं।
बोले पशु हाट के प्रबंधक
पुराना पशु हाट के प्रबंधक इनामुद्दीन खान ने बताया कि पशु हाट का संचालन बकायदा जिला परिषद से लाइसेंस लेकर नियम और शर्तों के अनुसार संचालित किया जाता है। इस बात की जानकारी उनके द्वारा जब जिला परिषद कर अधिकारी से मांगा गया तो उन्होंने बताया कि कुछ राजनीतिक संगठनों से जुड़े लोगों द्वारा पशु हाटो में अनियमितता की शिकायत की गई थी। जिसके जांच के बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा।
पशुहाट बंद होने पर प्रशासन को ठहराया दोषी
दिलदारनगर : स्थानीय पशु हाट को प्रशासन द्वारा बंद कराये जाने को लेकर राजनीतिक दल भी आवाज मुखर करने लगे हैं। मंगलवार की दोपहर समाजवादी छात्र सभा की बैठक पार्टी कार्यालय पर हुई। इसमें मौजूद किसान व व्यापारियों ने इसके लिए प्रशासन को दोषी ठहराया। प्रदेश सचिव विकास यादव ने कहा कि पशु हाट से सैकड़ों लोगों की रोजी रोटी चलती है। सरकार के इशारे पर लाइसेंस नवीनीकरण, पशु हाट में सुविधा नहीं होने एवं पशु तस्करी के नाम पर इसे बंद करने की साजिश की गयी है। प्रशासन को सर्वप्रथम किसानों, व्यापारियों से अवैध वसूली बंद करनी चाहिए। दोषियों की पहचान कर उन पर करवाई करें। जिससे आम जन के जीविकोपार्जन पर कोई असर न पड़े। बैठक में शेषनाथ, बालेश्वर, अशोक, कुर्बान, देवराजित ,आसकरन, सुभाष, पारस, राजू, शिवकुमार, दीपक, प्रदीप, विजय, मिथिलेश आदि मौजूद थे।
पशु मेला चालू कराने को होगा संघर्ष
जमानियां : जिला प्रशासन द्वारा बीते रविवार को अकारण बंद कराये गए पशु मेला को लेकर मेला से जुड़े पशुपालकों तथा पशु व्यापारियों के पक्ष में अब सपा भी आर-पार की लड़ाई के मूड में आ गई है। सेवराई स्थित अपने आवास पर मंगलवार की शाम पत्रकार वार्ता में प्रदेश के पूर्व पर्यटन मंत्री ओमप्रकाश ¨सह ने मेला को किसी भी कीमत पर पुन: शुरू कराने की बात कही। उन्होंने कहा कि पशु मेला से हजारों लोगों की रोजी रोटी चलती है। मेले का लाभ केवल पशुपालक और पशु व्यापारी नहीं उठाते हैं। इसे शुरू कराने के लिए सड़क से संसद तक लड़ाई लड़ी जाएगी। कहा कि किसानों का हमदर्द बताने वाली भाजपा आज पशु मेला बंद कराकर किसानों की रोजी रोटी को छीन ली है। गौ रक्षा के नाम पर प्रदेश में केवल गुंडागर्दी की जा रही है। इसे सपा कतई बर्दाश्त नहीं करेगी। जरूरत पड़ी तो मेला को चालू कराने के लिए कोर्ट की शरण में भी जाया जाएगा।