Move to Jagran APP

नवरात्र कल से, घरों और मंदिरों में तैयारियां तेज

जागरण संवाददाता, गाजीपुर: चैत्र नवरात्र की शुरुआत भले ही बुधवार से हो रही हो लेकिन आस्था की बयार

By JagranEdited By: Published: Mon, 27 Mar 2017 06:16 PM (IST)Updated: Mon, 27 Mar 2017 06:16 PM (IST)
नवरात्र कल से, घरों और मंदिरों में तैयारियां तेज
नवरात्र कल से, घरों और मंदिरों में तैयारियां तेज

जागरण संवाददाता, गाजीपुर: चैत्र नवरात्र की शुरुआत भले ही बुधवार से हो रही हो लेकिन आस्था की बयार अभी से बहने लगी है। देवी गीतों की गूंज शुरू हो चुकी है तो मंदिरों की रंगाई-पोताई व साफ-सफाई का कार्य अंतिम चरण में है। घरों में कलश स्थापना को लेकर उत्साह है तो मंदिरों में पूजन व दर्शन के लिए होने वाली भीड़ को देखते हुए प्रशासन भी सतर्क है।

prime article banner

मुहम्मदाबाद: नवरात्र को देखते हुए नगर के शाहनिन्दा स्थित मां काली मंदिर, तहसील परिसर स्थित मां मनोकामना देवी, महाकाली मंदिर यूसुफपुर, नवापुरा मोड़, सलेमपुर मोड़ व तिवारीपुर मोड़ स्थित मां दुर्गा के मंदिर के अलावा करीमुद्दीनपुर स्थित मां कष्टहरणी भवानी मंदिर को काफी आकर्षक रंग पेंट लगाकर चमका दिया गया है। कष्टहरणी भवानी मंदिर परिसर में अखंड दीप जलाने के लिए महिलाओं की होने वाली भीड़ को ध्यान में रखकर परिसर में टेंट आदि की भी व्यवस्था की जा रही है।

करीमुदीनपुर: नवरात्र को देखते हुए मां कष्टहरणी भवानी मंदिर के बाहर मुख्य सड़क किनारे दुकानदार अपनी दुकानों को सजाने में जुटे हैं। इस नवरात्र में मंदिर पर दर्शन पूजन के अलावा रामनवमी का मेला भी आयोजित किया जाता है।

आस्था का केंद्र हैं नसीरपुर स्थित मां काली की ¨पडी

सादात: क्षेत्र के ग्राम नसीरपुर (माहपुर) में देवकली पंप नहर की मुख्य शाखा के बीच स्थित मां काली की ¨पडी लोगों के आस्था व विश्वास का केंद्र है। वैसे तो प्रतिदिन यहां दर्शन-पूजन के लिए लोग आते हैं लेकिन नवरात्र में इस स्थान का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि सच्चे मन से मांगी गई मुराद यहां अवश्य पूरी होती है। माहपुर रेलवे स्टेशन से दो सौ मीटर पूरब दिशा में देवकली पंप नहर की मुख्य शाखा गई है। ग्राम पंचायत नसीरपुर में नहर के बीचो-बीच मां काली की ¨पडी है। पुजारी अर¨वद यादव ने बताया कि मां की यहां प्राचीन ¨पडी है। वर्षों से यहां पूजन-अर्चन होता रहा है। सन 1975 में देवकली पंप नहर की खुदाई हो रही थी। उस समय वहां से मजदूरों ने इस ¨पडी को हटाने का प्रयास किया तो दो मजदूरों का अनिष्ट हुआ। ठेकेदार ने भी काफी प्रयास लेकिन उन्हें भी परेशानी का सामना करना पड़ा। कहा जाता है कि 1990 में एक इंजीनियर ने आकर ¨पडी हटाने की बात कही तो रात में ही उनकी मां की मृत्यु हो गई। ग्रामीणों के सहयोग से अब तक यहां भव्य मंदिर का निर्माण करा दिया गया है। नवरात्र में सुबह से शाम तक श्रद्धालुओं को तांता लगा रहा है। माहपुर, मड़इया, बउरवां, परसनी आदि गांवों से तो प्रतिदिन लोग यहां दर्शन-पूजन करने आते हैं लेकिन नवरात्र में दूर-दराज से भी लोग मन्नतें मांगने आते हैं। पुजारी अर¨वद यादव द्वारा प्रतिदिन सुबह से शाम तक पूजन-अर्चन किया जाता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.