जेल भेजे गए गहमर बवाल के 15 आरोपी
जागरण संवाददाता, गाजीपुर: गहमर बवाल में 15 आरोपियों को पुलिस ने जेल भेज दिया। सीसीटीवी फुटेज में इनक
जागरण संवाददाता, गाजीपुर: गहमर बवाल में 15 आरोपियों को पुलिस ने जेल भेज दिया। सीसीटीवी फुटेज में इनकी संलिप्तता मिली है। सोमवार की दोपहर पुलिस अधीक्षक सुभाष चंद्र दुबे उन्हें सोमवार की दोपहर पुलिस लाइन में मीडिया के सामने पेश किया। हिरासत में लिए गए लोगों में से दो को उनकी प्रथम ²ष्टया संलिप्तता का आधार न मिलने की वजह से छोड़ दिया गया। साथ ही एसपी ने साफ किया है कि फिलहाल पुलिस गांव में छापेमारी नहीं करेगी। भरोसा दिया कि निर्दोषों को कतई कोई परेशानी नहीं होगी।
दरअसल, शनिवार की शाम गहमर दलित बस्ती के पास भूसी लदा ट्रक पलटने से एक बालक राजकुमार की मौत हो गई थी। सि हादसे में तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। आरोप है कि सहायता के बजाय कुछ लोग औरों को उकसा दिए कि कई लोग दबकर जान गवां चुके हैं। हादसे से बौखलाए लोगों के आक्रोश में अफवाह ने घी डालने का काम किया। नतीजा हुआ कि बेकाबू भीड़ हमला बोलकर तोड़फोड़ व कई वाहनों व तीन ट्रकों को आग के हवाले कर दिया। भीड़ को उपद्रवियों को शायद यह नहीं मालूम था कि थाने में सीसीटीवी कैमरा लगा है और उनकी हर करतूत उसमें कैद हो रही है।
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दो निर्दोषों को एसपी ने छोड़ा
पुलिस अधीक्षक सुभाष चंद्र दुबे हिरासत में लिए गए दो आरोपी सुनील ¨सह व विवेक ¨सह को प्रथम ²ष्टया जांच में निर्दोष मिलने पर पुलिस लाइन से छोड़ दिया। उन्होंने यह भी कहा कि अभी सीसीटीवी फुटेज को खंगाला जा रहा है। अगर कहीं से भी उनकी भूमिका सामने आई तो उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।
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खुद करा दें आत्मसमर्पण
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज से चिह्नित किए गए उपद्रवियों का पोस्टर छपवाकर पुलिस गांव में बांटेगी। उन्होंने उनके घरवालों से आह्वान किया कि वे आरोपी को खुद आत्मसमर्पण करवा दें नहीं तो पुलिस उन्हें गिरफ्तार करेगी। ग्रामीणों को राहत देते हुए एसपी ने कहा कि पुलिस फिलहाल छापेमारी नहीं करेगी। ग्रामीणों को भयभीत होने की जरूरत नहीं है। जो सीसीटीवी फुटेज में रहेगा उसी पर कार्रवाई होगी। निर्दोषों को परेशान नहीं किया जाएगा।
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पुलिस अधीक्षक ने सुभाष चंद्र दुबे कहा कि चूंकि यह गंभीर अपराध है। ऐसे में मेरा पूरा प्रयास होगा कि दोषियों को सजा मिले पर इससे ज्यादा जरूरी है कि निर्दोष कतई न फंसने पाएं। रही बात दो को छोड़ने की तो सीसी टीवी में वह नहीं रहे न ही और कोई आधार मिला। केवल सीसी फुटेज को हम आधार भी नहीं मान सकते। इसी वजह से पुलिस और पहलुओं को नजर में रखते हुए जांच आगे बढ़ा रही है। एक सवाल के जवाब में कहा कि हो सकता है चुनावी मंशा भी एक वजह रही हो उकसाने की। हालांकि जब तक बातें साफ न हो जाय तब तक कुछ कहा नहीं जा सकता।