कटान की भयावहता से दहशत में लोग
बारा (गाजीपुर): गंगा का जलस्तर घटने के साथ ही बारा गांव के आधा दर्जन मोहल्लों में हो रहे कटान की
बारा (गाजीपुर): गंगा का जलस्तर घटने के साथ ही बारा गांव के आधा दर्जन मोहल्लों में हो रहे कटान की भयावहता देखते ही लोगों में सिहरन पैदा हो रही है। यहां लगभग दो दर्जन मकान काल के मुहाने पर खड़े हैं। गंगा में पानी का स्तर घटने के साथ ही कटान में भी तेजी आ गई है। यहां गंगा नदी की प्रचंड धारा घरों को ही नहीं खेतों को भी लिल रही है। आज यहां के लोग अपना अस्तित्व बचाने के लिए जूझ रहे हैं। बारा गांव का मोहल्ला कोट, तीरवाही, भकना, दर्जिया वाली बाग व टुटहिया पुल मजार गंगा की कटान से बुरी तरह प्रभावित है। पिछले एक दशक में यहां की सैकड़ों बीघा भूमि गंगा में समाहित हो चुकी है। गंगा के कटान का आलम यह है कि यहां के लोगों को सोते समय भी यह भय हमेशा सताता है कि कहीं रातों रात उनका भी घर
गंगा में न समाहित हो जाए। इसी डर से यहां के लोग अब धीरे-धीरे अपना घर छोड़ रहे हैं। पिछले एक
दशक में यदि गंगा के कटान से हुए नुकसान का आकलन करें तो बारा गांव के लोगों ने सैकड़ों बीघे भूमि गंवाई है। भूमि की बात तो अलग है अब इन मोहल्लों के लोगों के सामने अस्तित्व का संकट खड़ा हो गया है। लोग कहते हैं कि इस साल ही लगभग पांच बीघा जमीन गंगा में समाहित हो चुकी है।