Move to Jagran APP

चार झोपड़ियां धारा में समाहित, सेमरा में नाव डूबी

मुहम्मदाबाद (गाजीपुर): बाढ़ के साथ साथ कटान की समस्या भी शिवराय का पुरा सेमरा गांव के लोगों की पर

By Edited By: Published: Wed, 24 Aug 2016 01:00 AM (IST)Updated: Wed, 24 Aug 2016 01:00 AM (IST)
चार झोपड़ियां धारा में समाहित, सेमरा में नाव डूबी

मुहम्मदाबाद (गाजीपुर): बाढ़ के साथ साथ कटान की समस्या भी शिवराय का पुरा सेमरा गांव के लोगों की परेशानी बढ़ाकर रख दी है। मंगलवार को दोपहर करीब दो बजे अचानक कटान होने सेरामतुलाई डीह बाबा के पास रमेश राय, इंद्रजीत राय, प्रेमशंकर राय व बिरजू राम की झोपड़ी गंगा की धारा में विलीन हो गई। उधर सेमरा में नाव डूबने से हलचल मच गई। दरअसल, नाव की व्यवस्था न होने से लोग जान जोखिम में डालकर सेमरा गांव से आवागमन कर रहे हैं। मंगलवार को सुबह सेमरा से साधु की कुटी की ओर आ रही नाव सेमरा बच्छलपुर मोड़ के आगे पुलिया के पास पानी में बैठ गई। नाव बैठते देख उस पर सवार लोगों में अफरा तफरी मच गई। नाव डूबता देख कुछ दूर खड़े लोगों ने मौके पर पहुंचकर नाव पर सवार लोगों को पानी से बाहर निकाला। इसके अलावा हो रहे कटान ने हलकानी बढ़ा दी है। सबसे अधिक परेशानी सेमरा से शेरपुर जा रही सड़क किनारे परिया चौरासी आदि जगहों पर पक्का मकान बनाकर रह रहे कटान पीड़ित विस्थापित परिवारों को हैं। एक बार वे कटान का दंश झेल चुके हैं। दोबारा कटान के बिल्कुल करीब पहुंच चुके हैं।

loksabha election banner

उनके समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर अब वे क्या करें।

राहत और बचाव नदारद

मुहम्मदाबाद: बाढग्रस्त इलाकों में प्रशासन की ओर से किसी तरह के राहत का उपाय न किये जाने से लोगों में रोष व्याप्त है। गंगा के तटवर्ती गांव सेमरा, शिवराय का पुरा, बच्छलपुर गांव पूरी तरह से पानी से घिर गया है। सेमरा जाने वाली शाहनिन्दा शेरपुर सड़क कई जगह पानी के दबाव से टूट जाने से ग्रामीणों का संपर्क तहसील मुख्यालय से पूरी तरह से टूट चुका है। लोग सड़क की पटरियों पर शरण लिये हुए है, लेकिन उन्हें या उनके पशुओं को किसी तरह की राहत सामग्री प्रशासन की ओर से अब तक वितरित नहीं कराया गया है। गांव से शाहनिन्दा तक आने के लिए अब तक कोई भी बड़ा नाव नहीं लगाया गया है। नाव की व्यवस्था न होने से सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं को शौच आदि के लिए सड़क तक आने में काफी परेशानी हो रही है। महिलाएं पानी में घुसकर सड़क तक आने को मजबूर हैं।

किसे सुनाएं हम दुखड़ा अपना

इस संबंध में ग्रामीण नागा यादव, सच्चिदानंद राय, शिवानंद राय, शशिकांत राय, तारकेश्वर राय, सर्वेश यादव ने बताया कि वर्ष 2013 में आई बाढ़ के दौरान जहां बस्तियों से महिलाओं बच्चों को लाने ले जाने के लिए नाव की व्यवस्था थी वहीं गांव से शाहनिन्दा तक जाने के लिए बड़ी नाव की व्यवस्था की गई थी। प्रशासन की ओर से अब तक किसी तरह की व्यवस्था नहीं की जा सकी है। अभी तक एक माचिस तक उपलब्ध नहीं कराया जा सका है। प्रशासनिक अधिकारी भी गांव में नहीं आ रहे है जिससे कि बाढ़ पीड़ित अपनी समस्या बता सकें।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.