बाढ़ की कहानी.पीड़ितों की जुबानी..
करंडा(गाजीपुर) : क्षेत्र के इक्कीस गांव बुरी तरह से प्रभावित हैं। गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़
करंडा(गाजीपुर) : क्षेत्र के इक्कीस गांव बुरी तरह से प्रभावित हैं। गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। बड़हरियां, बड़सरा, सोकनी,
सलारपुर, गद्दोगारा, महबलपुर, नवपुरवां, नुकुल का पुरा, दीनापुर,
तुलसीपुर, शेरपुर, रफीपुर, चतरपुरा, करकटपुर, जमुआंव, आरी, गजाधरपुर, मलहपुरा, विशुनपुरा, धरम्मरपुर, कुचौरा, रमनथपुर, सोलनपुर, बलवंतपुर, कोटिया, सिकंदरपुर, अमवां व डिहवां आदि गांव के लोग सड़क के किनारे राहत
शिविर में रह रहे हैं।
दीनापुर निवासी मोहन ¨बद ने कहा की एक सप्ताह से हम लोग राहत शिविर में अपने पूरे परिवार एवं जानवरों के साथ रुके हैं। जिला पंचायत सदस्य विजय यादव पांच दिन से लगातार सभी लोगों को भोजन करा रहे हैं। रविवार को सरकार के तरफ से पांच किलो आटा, ढाई किलो चावल और आलू तथा दाल मिली जो एक ही दिन मे समाप्त हो गया। तुरना पट्टी निवासी जगदीश राम ने कहा कि बाढ़ से जानवरों का चारा और खाने के अनाज सभी कुछ डूब गया है लेकिन अभी तक हम लोगों को राहत के नाम पर कुछ भी नहीं मिला। तुलसीपुर निवासी तेतरी देवी ने कहा की हमारे परिवार में आठ लोग है और दो भैस
है हम लोग दीनापुर प्राथमिक विद्यालय मे एक हप्ते से रूके है मगर सरकारी सुविधा के नाम पर कुछ भी नही मिला। सोमवार को राहत शिविर में भोजन की व्यवस्था की गयी थी। महबलपुर निवासी प्रभुनाथ राम ने कहा की हम लोगों का सब कुछ स्वाहा हो गया है। जानवरों का चारा एवं सभी अनाज बाढ़ मे बह गया
है। खाने के लिए कुछ भी नहीं बचा है। महबलपुर निवासी रूकमणी देवी ने कहां की हमारे परिवार मे दस सदस्य व छह जानवर हैं, मगर खाने को कुछ भी नहीं है। गोसंदेपुर मे सड़क के किनारे खुले आसमान के नीचे हम लोग रह रहे हैं। बाढ़ का विनाशकारी रुप जारी है। सिकंदर के ग्राम प्रधान राजेश ¨सह जेसीबी मशीन लेकर बंधा बंधवाने मे लगे हैं। यदि बंधा टूट गया तो अमवा व डिहवां दोनों गांव बह जाएंगे।