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बाढ़ पीड़ितों के बीच पहुंचे जिलाधिकारी

करंडा (गाजीपुर): करंडा क्षेत्र में गंगा का कहर सातवें दिन भी जारी रहा। सुबह दस बजे जिलाधिकारी संजय क

By Edited By: Published: Wed, 24 Aug 2016 01:00 AM (IST)Updated: Wed, 24 Aug 2016 01:00 AM (IST)
बाढ़ पीड़ितों के बीच पहुंचे जिलाधिकारी

करंडा (गाजीपुर): करंडा क्षेत्र में गंगा का कहर सातवें दिन भी जारी रहा। सुबह दस बजे जिलाधिकारी संजय कुमार खत्री बाढ़ पीड़ितों से मिलने पहुंचे। सर्वप्रथम गोसंदेपुर स्थिति बंधा का निरीक्षण किया जहां दो जेसीबी मशीन लगातार बंधा बांधने मे लगी हुई थीं। इसके बाद जिलाधिकारी पुरैना गांव में गए, वहां पर भी बाढ़ पीड़ितों से मिलकर उनकी समस्या से अवगत हुए। ग्रामीणों ने पशुओं के चारे का संकट बताया, जिस पर जिलाधिकारी ने आश्वासन दिया कि शीघ्र ही राहत सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है।

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लेखपालों पर होगी कार्रवाई

करंडा: इस भीषण प्राकृतिक आपदा में राहत कार्य करने के बजाय धरना-प्रदर्शन करने वालों लेखपालों पर जिला प्रशासन की नजरें टेढ़ी हो गई हैं। करंडा क्षेत्र के पुरैना गांव पहुंचे जिलाधिकारी ने जब हलका लेखपाल के बारे में पूछा तो ग्रामीणों ने बताया की लेखपाल हड़ताल पर गये हैं। इस पर जिलाधिकारी ने एसडीएम सदर को आदेश दिया कि जो भी लेखपाल नहीं आ रहे हैं उनका नाम नोट करें तथा जहां धरने पर बैठे हैं वहां की वीडियोग्राफी कराएं। नही आने पर सभी को निलंबित किया जायेगा।

बाढ़ से घिरा नारी पचदेवरा

करंडा : करंडा क्षेत्र का नारी पचदेवरा बाढ़ के पानी से घिर गया है। यहां के लोग गांव छोड़कर ऊंचे स्थानों पर शरण ले रहे हैं। जिला प्रशासन ने यहां इंजनचालित नाव उपलब्ध तो कराया है लेकिन पर्याप्त मात्रा में डीजल उपलब्ध न कराने से इसे बंद करना पड़ रहा है। गांव के युवा नेता राजकुमार पांडेय ने अन्य लोगों प्रेमशंकर पाठक, अवनीश दुबे, शिवशंकर पांडेय, सचितानंद पांडेय, सुबेदार ¨सह व जितेंद्र ¨सह के साथ नाव से बाढ़ पीड़ित लोगों से मिल उनकी समस्याओं से अवगत हुए। साथ ही पीड़ितों को राहत सामग्री भी उपलब्ध कराई गई।

नाव बनी सहारा, बांटी जा रही राहत सामग्री

गहमर: क्षेत्र में आयी भीषण बाढ़ ने अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया है। गहमर क्षेत्र के दर्जनों गांव गंगा और कर्मनाशा की चपेट में आ गए हैं। एक ओर जहां लोग खाने-पीने की समस्याओं से जूझ रहे हैं वहीं पशुओं के चारे के लिए भी पशुपालक परेशान हैं। गंगा के बाढ़ का पानी गांव के साईं का बेर मुहल्ला, भैरो राय, बबुरहनी, चिनगी दीवान, बाबागंज, गो¨वद राय मुहल्ले के पश्चिमी हिस्सा में घुस जाने से आवागमन बंद हो गया है। लोग अपनी जरुरत के सामान के लिए छोटी नाव से आ-जा रहे हैं। वहीं बारा गांव भी बाढ़ की जद में आ गया है। बारा गांव के कोट मुहल्ला, नारा मुहल्ला, रौजा मुहल्ला पूरी तरह से जलमग्न हो गया है। कुतुबपुर व मगरखाई गांव भी बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। क्षेत्र के हसनपुरा, बीरउपुर, नगदिलपुर, अटहठा व नसीरपुर आदि गांवों में गंगा बुरी तरह से तबाही मचा रही हैं। जिलाधिकारी के आदेश पर मंगलवार को इन गांवों के लोगों के खाने-पीने के लिए आटा, चावल, दाल, आलू, प्याज, नमक के अलावा मोमबत्ती व दियासलाई

आदि प्रत्येक गांव के प्रधानों के माध्यम से भेजा गया। एक तरफ गंगा जहां उफान पर हैं वहीं क्षेत्र में कर्मनाशा ने भी विकराल रूप धारण किया है। कर्मनाशा की बाढ़ से क्षेत्र के भतौरा गांव के लोगों की मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही है। कर्मनाशा तटवर्ती मनिहर वन स्थित राजभर बस्ती, सायर व राजमल बांध आदि गांव के लोगों को बाढ़ के कारण काफी परेशान होना पड़ रहा है। मंगलवार को गहमर ग्राम प्रधान प्रतिनिधि दुर्गा चौरसिया और समाजसेवी हे राम ¨सह ने गांव के बाढ़ पीड़ित बस्तियों का दौरा कर लोगों को राहत सामग्री और लंच पैकेट बांटा।


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