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काली पट्टी बांधकर चिकित्सकों का प्रदर्शन

-दो घंटे ठप रही ओपीडी सेवा, मरीजों की हुई फजीहत -शनिवार को पूरे जिले की ओपीडी सेवा ठप करने की घ

By Edited By: Published: Fri, 24 Jun 2016 11:18 PM (IST)Updated: Fri, 24 Jun 2016 11:18 PM (IST)
काली पट्टी बांधकर चिकित्सकों का प्रदर्शन

-दो घंटे ठप रही ओपीडी सेवा, मरीजों की हुई फजीहत

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-शनिवार को पूरे जिले की ओपीडी सेवा ठप करने की घोषणा

फोटो.1, 2, 3, 4, 5सी..

गाजीपुर : चिकित्सक डा. पीपी उपाध्याय की पिटाई के मामले ने शुक्रवार को तूल पकड़ लिया। सभी आरोपियों की गिरफ्तारी न होने से नाराज चिकित्सकों व कर्मचारियों ने काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया। आठ से दस बजे तक ओपीडी सेवाएं ठप रखीं।

ओपीडी बंद होने से मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। जैसे ही ओपीडी खुली तो मरीजों की भीड़ उमड़ पड़ी। चिकित्सकों ने घोषणा की कि सभी हमलावरों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो वे पूरे जिले की ओपीडी सेवा अनिश्चितकाल के लिए ठप कर देंगे। चिकित्सकों के ऐलान से जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन के होश उड़ गए। हालांकि एक आरोपी किला कोहना मोहल्ला निवासी ऋषि चतुर्वेदी ने करीब ग्यारह बजे कोतवाली में सरेंडर कर दिया। पुलिस अभी तीन आरोपियों की तलाश कर रही है।

चिकित्सकों का कहना है कि ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक की पिटाई से वे भयभीत हैं। अगर समय रहते कोई कार्रवाई नहीं की गई तो किसी के साथ यह हादसा हो सकता है। गुरुवार को चिकित्सकों ने जुलूस निकालकर डीएम को ज्ञापन सौंपा। मांग की कि अगर चौबीस घंटे के भीतर हमलावर गिरफ्तार नहीं किए गए तो वे अगले दिन काली पट्टी बांधकर काम करेंगे। पुलिस रात के पहर छापेमारी की लेकिन कोई हमलावर नहीं मिला। हमलावरों की गिरफ्तारी न होने पर शुक्रवार को चिकित्सक ओपीडी सेवा ठप कर सीएमएस कार्यालय के पास इकट्ठे हुए और धरने पर बैठ गए।

मालूम हो कि बीते 19 तारीख को दबंगों ने आपात कक्ष में तैनात चिकित्सक डा. पीपी उपाध्याय की जमकर पिटाई कर दी थी। वीडियो फुटेज में पूरा मामला कैद हो गया था। इसमें तीन हमलावरों को चिह्नित कर लिया गया।

इनसेट..

दो पक्षों के झगड़ा में पीस रहे मरीज

जिला अस्पताल में सुबह पहुंचे मरीजों का कहना था कि दो पक्षों के झगड़ा में मरीज पीस रहे हैं। वे सुबह आठ बज से आकर इस भीषण धूप में खड़े होकर चिकित्सकों का इंतजार कर रहे हैं। प्रशासन को चाहिए कि चिकित्सकों संग बैठक कर समस्या का निदान कराएं और हमलावरों और उनके संरक्षणदाताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे। प्रशासन को ऐसे मामले में किसी के दबाव में नही आना चाहिए।

इनसेट.

खुली ओपीडी तो उमड़ी भीड़

दस बजे जैसे चिकित्सकों का धरना समाप्त हुआ और ओपीडी में बंद ताला खुला तो मरीजों की भीड़ उमड़ पड़ी। वे घंटों लाइन में खड़े रहे तब जाकर उनका नंबर आया। यह भीड़ दोपहर दो बजे तक रही। भीड़ देखकर कई मरीज के परिजन उन्हें लेकर निजी अस्पतालों को चले गए।

इनसेट.

जमे रहे सपाई

चिकित्सक के पिटाई में नामजद आरोपी ऋषि चतुर्वेदी जब कोतवाली में सरेंडर किया। इससे पूर्व सपाईयों का जमावड़ा लगा रहा। सरेंडर करने के बाद उसे कोतवाल के कक्ष में बैठाया गया था। बाद में पुलिस आरोपी का मेडिकल कराई और जेल भेज दी। ऋषि चतुर्वेदी नगर पालिका का पूर्व सभासद है।

इनसेट--डीएम पर छोड़ा एसडीएम का मामला

जिला चिकित्सालय के चिकित्सक डा. पीपी उपाध्याय का जबरिया यूरिन व ब्लड सैंपल लेकर जांच के लिए भेजवाने के मामले में सदर एसडीएम एके ¨सह के खिलाफ भी चिकित्सक और कर्मचारी आक्रोशित हैं। उन्होंने गुरूवार को डीएम को पत्रक देकर उनके खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की थी। लेकिन अब आंदोलन सिर्फ पीटने वालों की गिरफ्तारी के लिए चला रहे हैं। प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ के अध्यक्ष डा. रत्नाकर ¨सह ने कहा कि एसडीएम सदर के खिलाफ कार्रवाई का मामला जिलाधिकारी के उपर छोड़ दिया गया है। इस मामले में जैसा वह उचित समझेंगे कदम उठाएंगे।


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