अधर में लटका लोहिया गांवों का चयन
गाजीपुर : विकास कार्यों में देरी का आरोप अक्सर अधिकारियों पर ही लगता है, लेकिन सत्र 2016-17 के लो
गाजीपुर : विकास कार्यों में देरी का आरोप अक्सर अधिकारियों पर ही लगता है, लेकिन सत्र 2016-17 के लोहिया गांवों के चयन में हो रही देरी के जिम्मेदार जनप्रतिनिधि और जिले के प्रभारी मंत्री हैं। नए वित्तीय सत्र का तीन महीना बीतने जा रहा है लेकिन अभी तक लोहिया गांवों का चयन नहीं हो पाया है। इधर शासन संबंधित अधिकारियों पर शीघ्र चयन सूची फाइनल करने का दबाव बनाए जा रहा है, ताकि वहां विकास कार्य शुरू हो सके।
समाजवादी सरकार ने राम मनोहर लोहिया समग्र विकास योजना के तहत पांच साल में 192 अधिक पिछड़े गांवों का संपूर्ण विकास करने का लक्ष्य तय किया था। पहले वित्तीय वर्ष 2012-13 में 32 गांव लिए गए थे और इसके बाद चालीस-चालीस गांव लिए जा रहे हैं। अब तक चार वित्तीय वर्ष में कुल 152 गांवों का चयन किया जा चुका है और वहां पर विकास कार्य चल रहा है। अब 2016-17 सरकार का अंतिम वित्तीय वर्ष है और इसमें तेजी से विकास कार्य करना चाहती है। चूंकि लोहिया गांवों का चयन जिले के प्रभारी मंत्री रामगो¨वद चौधरी को करना है और वह भी जिले के सभी विधायकों और पार्टी पदाधिकारियों से सहमति बना कर ही चयन करेंगे। बस यहीं पर देरी हो रही है। सपा के जनप्रतिनिधि अभी तक यह तय ही नहीं कर पा रहे हैं कि चालीस गांवों की सूची में किस-किस को शामिल किया जाए।
सूची का है इंतजार
- वर्तमान वित्तीय सत्र के लोहिया गांवों की सूची का इंतजार किया जा रहा है। अभी तक प्रभारी मंत्री ने चयनित गांवों की सूची नहीं भेजी है। जैसे ही सूची प्राप्त होगी, उसपर कार्ययोजना तैयार कराई जाएगी। इसके बाद विकास कार्य शुरू किया जाएगा। - राम ¨सह, परियोजना निदेशक डीआरडीए।