पोखरे को गहरा कराने में जुटीं महिला प्रधान
गाजीपुर: कभी घरों के आंगन में होती थी छठ पूजा। विवाहिताओं को मायके जाकर करनी पड़ती थी छठ की पूजा।
गाजीपुर: कभी घरों के आंगन में होती थी छठ पूजा। विवाहिताओं को मायके जाकर करनी पड़ती थी छठ की पूजा। गांव में ऐसा कोई तालाब या पोखर नहीं था जिसमें यह पूजा की जा सके। बात हो रही है भांवरकोल ब्लाक के मलिकपुरा गांव की। इसका एहसास आठ वर्ष पहले प्रधान इंद्रासन राय को हुआ। उन्होंने गांव समाज की जमीन में इसे खोदवाने का निर्णय लिया और उसी वर्ष मनरेगा में गांव में पूजा लायक पोखरा तैयार हो गया। तब से यहां गांव की महिलाएं छठ पूजा करतीं हैं। यह अलग बात है कि पूजा के लिए नलकूप से पानी भरवाना पड़ता है। अब गांव की महिला प्रधान दुलिया देवी ने पोखरे को और गहरा करा कर इसके घाटों को पक्का कराने का निर्णय लिया। जिससे श्रद्धालु महिलाओं को कोई तकलीफ न हो और पानी वर्ष भर पोखरे में रहे। बरसात का पानी ठीक से इसमें संचय हो सके इसके लिए इसका गहरा होना जरूरी था। कार्य शुरू हो गया है। मनरेगा में काम कर रहे जीतन पासी, आसकरन, इंद्रदेव, गिरधारी, रेशमी, रामअवतार आदि इसे लेकर उत्साहित हैं। ग्राम प्रधान ने बताया कि मजदूरों की संख्या बढ़ाकर पूर्व प्रधान के प्रयासों को मंजिल तक पहुंचाया जाएगा। जागरण के अभियान ने भी हौसला बढ़ाया है। कुछ दिनों बाद यह पोखरा गांव की धरोहर में शामिल हो जाएगा।