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अकीदत से मना अंजान शहीद बाबा का उर्स

बारा (गाजीपुर) : स्थानीय गांव के मस्तान बाग स्थित अंजान शहीद बाबा का सालाना उर्स शनिवार को मनाया

By Edited By: Published: Sun, 29 May 2016 08:45 PM (IST)Updated: Sun, 29 May 2016 08:45 PM (IST)
अकीदत से मना अंजान शहीद बाबा का उर्स

बारा (गाजीपुर) : स्थानीय गांव के मस्तान बाग स्थित अंजान शहीद बाबा का सालाना उर्स शनिवार को मनाया गया । इस मौके पर रात में कव्वाली का आयोजन किया गया । इसमें बालिया से आए बच्चा वारिस ने एक से एक कव्वाली पेश कर श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया । उर्स में बिहार व बंगाल के लोग भी उपस्थित हुए।

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मजार पर चार बजे शाम से चादर पोशी का दौर शुरू हुआ जो देर रात तक चलता रहा । गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि 1944 में गांव के हरिवंश शाह को सपने में आया कि इस स्थान पर मजार स्थापित किया जाये

। तभी हरिवंश शाह मजार का निर्माण कराये । इसी वजह से इस मजार को अंजान शहीद बाबा के मजार के नाम से जाना जाता है । 1944 से ही अंजान शहीद बाबा के मजार पर चादर पोशी और कव्वाली का आयोजन किया जाता है । मजार पर चादर पोशी करने के लिए इस्माइल शाह के दरवाजे से जुलूस निकाला जाता है। जुलूस में हर वर्ग के लोग शामिल होते हैं।


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