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पानी की खातिर तोड़ी बच्चों की 'उम्मीद'

गाजीपुर : जल जीवन है तो सुंदरता मन की शांति। एक ¨जदगी देता है तो दूसरा उसमें रंग भरता है। जीवन या

By Edited By: Published: Fri, 29 Apr 2016 01:00 AM (IST)Updated: Fri, 29 Apr 2016 01:00 AM (IST)
पानी की खातिर तोड़ी बच्चों की 'उम्मीद'

गाजीपुर : जल जीवन है तो सुंदरता मन की शांति। एक ¨जदगी देता है तो दूसरा उसमें रंग भरता है। जीवन यापन के लिए दोनों जरूरी लेकिन काम अगर बिना सहमति और गैर जानकारी के अचानक हो तो बात बिगड़ जाती है। ऐसा ही कुछ हुआ गुरुवार को गोराबाजार स्थित रवींद्रनाथ टैगोर पार्क में, जहां बिना किसी जानकारी के जलनिगम के निर्देश पर नलकूप की बो¨रग करने आए कर्मचारियों ने पार्क की दीवार तोड़ दी। पार्क बोरिंग की सामग्री से भर गया। इसकी जानकारी होते ही उम्मीद फाउंडेशन के सदस्य वहां पहुंचे और पार्क की स्थित देखकर उन्हें काफी निराशा हुई। इस संबंध में सदस्यों ने नगरपालिका चेयरमैन से बात की लेकिन संतुष्टि नहीं हुई। हालांकि चेयरमैन ने आश्वासन दिया है कि बो¨रग होने के बाद पार्क की दीवार की मरम्मत कर दी जाएगी लेकिन ¨चता यह है कि ऐसी स्थिति में सात मई को होने वाले राष्ट्रगान दिवस के आयोजन को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।

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उम्मीद फाउंडेशन ने रवींद्रनाथ टैगोर पार्क को गोद लेकर बीते तीन अप्रैल से सुंदरीकरण शुरू किया। सदस्यों का समर्पण देखकर स्थानीय लोग भी जुटने लगे। लोगों की भावना ऐसी जुड़ी की श्रमदान कर रहे सदस्यों का पसीना सूखने से पहले उनकी हवा-पानी का इंतजाम करने लगे। स्थानीय बच्चे, बड़े, बुजुर्ग और महिलाएं सुबह से आकर श्रमदान में सहयोग करते। सुबह से ही एक हुजूम इकट्ठा होकर पार्क के सुंदरीकरण के काम में लग जाता। धीरे-धीरे पार्क की रंगत बदलने लगी। साहित्यकार, चिकित्सक, पत्रकार आदि सभी ने श्रमदान किया। पार्क की सुंदरता में निखार आने लगा लेकिन अचानक एक सुबह नलकूप की बो¨रग करने पहुंचे लोगों ने पार्क की दशा बिगाड़ने में जरा भी कोताही नहीं की। दीवार तोड़कर सामग्री फैसला दी। यह नजारा देख उम्मीद फाउंडेशन के सदस्यों को काफी धक्का पहुंचा। सबसे अधिक मायूसी स्थानीय लोगों को हुई। पूरे दिन बच्चे बिना खाए-पीए वहां पड़े रहे। काफी समझाने के बाद भी वे मानने को तैयार नहीं थे। इस संबंध में नगरपालिका चेयरमैन ने कहा कि कुल सात नलकूपों की बो¨रग होनी थी। जरूरत के लिहाज से गोराबाजार और खोदाईपूरा की सबसे अधिक जरूरी थी। इसलिए जलनिगम के अधिशासी अभियंता को स्थान बता दिया गया था लेकिन इतनी जल्दी काम शुरू हो जाएगा इसका अंदाजा नहीं था। वरना श्रमदान कर रहे सदस्यों को विश्वास में लेकर बो¨रग शुरू की जा सकती थी। बच्चों की जानकारी में काम होता तो उन्हें इतना दुख नहीं होता। खैर स्थानीय लोगों के लिए पानी भी जरूरी है। निर्माण पूरा होने के बाद पार्क की चहारदीवारी का निर्माण करा दिया जाएगा। बताया कि छह नलकूपों की रिबो¨रग होनी है।


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