अमरनाथ हत्याकांड के चार आरोपी गिरफ्तार
गाजीपुर : पुलिस को शनिवार बड़ी कामयाबी मिली। ब्लाक प्रमुखपति अमरनाथ यादव हत्याकांड में शामिल चार अ
गाजीपुर : पुलिस को शनिवार बड़ी कामयाबी मिली। ब्लाक प्रमुखपति अमरनाथ यादव हत्याकांड में शामिल चार अभियुक्तों को नंदगंज के बरहपुर स्थित गांगी पुलिया के पास से गिरफ्तार कर लिया गया। इनके पास से दो पिस्टल, एक तमंचा, पांच ¨जदा कारतूस, दो खोखा, एक बाइक व एक मोबाइल बरामद हुआ। गिरफ्त में आने से दो हत्याकांडों का खुलासा हुआ है। पकड़े गए आरोपियों को पुलिस अधीक्षक रामकिशोर वर्मा ने शाम को पुलिस लाइन में मीडिया के सामने पेश किया। बाद में सभी को जेल भेज दिया गया।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि बीते 31 जनवरी की सुबह बदमाशों ने वाराणसी स्थित पहड़िया में करंडा ब्लाक प्रमुखपति अमरनाथ यादव की बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस मामले में मृतक के पुत्र आशीष यादव ने प्रमसपा नेता अरुण ¨सह, करंडा ब्लाक प्रमुख पद के प्रत्याशी राजेश ¨सह ¨रकू,चंदन ¨सह व विनोद ¨सह को नामजद कराया। पुलिस मुकदमा दर्ज कर तीन लोगों को जेल भेज चुकी है। हत्या के दौरान दुकान में लगे सीसीटीबी फुटेज को खंगाला गया तो एक अभियुक्त की पहचान हो गई। इसके बाद पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी शुरू कर दी। शनिवार को मुखबिर से सूचना मिली कि अमरनाथ यादव की हत्या में शामिल चार आरोपी गांगी पुलिया के पास मौजूद हैं। पूछताछ में अभियुक्त हरेंद्र ¨सह ने बताया कि अमरनाथ यादव यादव ने बीते 16 मार्च को बदमाशों संग मिलकर मेरे मौसा मनोज ¨सह की हत्या सकलेनाबाद स्थित यूको बैंक में रुपये जमा करने जाते समय करवा दिया था। इसके बाद 28 लाख लूटकर वहां से अपराधी भाग निकले थे। इस मामले में अमरनाथ के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होने पर उसने साथियों संग मिलकर अमरनाथ की हत्या कर दी।
गिरफ्तार हुए चार
पुलिस ने अमरनाथ की हत्या के आरोप में करंडा के बासुचक निवासी पूर्व ग्राम प्रधान मनोज ¨सह, आजमगढ़ के तरवां निवासी हरेंद्र ¨सह, शहर कोतवाली के जमालपुर के उदल ¨बद तथा सादात थाने के टाड़ा गांव निवासी पन्ना उर्फ राजन चौधरी को गिरफ्तार किया है। इस मामले का एक अभियुक्त संतोष ¨सह अब भी फरार है। मौके पर अमरनाथ को गोली मारने वालों में संतोष और उदल ¨बद थे। अन्य अभियुक्त उन्हें कवर कर रहे थे।
अरुण ¨सह के कहने पर हुई अमरनाथ की हत्या
गिरफ्तार बदमाश उदल ¨बद ने बताया कि प्रमासपा नेता अरुण ¨सह, चंदन सिंह व बासुचक निवासी कन्हैया ने एक दिन मुझे बुलाया और अमरनाथ की हत्या करने के लिए कहा। इसके बाद अमरनाथ की हत्या की योजना बनी। हरेंद्र, पन्ना उर्फ राजन, संतोष, मनोज ¨सह के साथ मिलकर अमरनाथ की गोली मारकर हत्या कर दी गई।
सुलग रहा था हरेंद्र
तरवां आजमगढ़ का रहने वाला हरेंद्र ¨सह बदले की आग में सुलग रहा था। यूको बैंक लूट कांड में मारे गए मनोज सिंह उसके मौसा थे। हरेंद्र का कहना था कि पुलिस ने मौसा के हत्या की ठीक से विवेचना नहीं की और अमरनाथ को गिरफ्तार नहीं किया। ऐसे में बदला लेने की एक ही सूरत थी अमरनाथ की हत्या।
कैलाश यादव की हत्या में भी थे संतोष-पन्ना
नंदगंज थाना क्षेत्र के बड़हरा गांव के पास गत 14 अक्टूबर को कैलाश यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। बड़हरा के ही रहने वाले कैलाश यादव से दो वर्ष पहले संतोष ¨सह से मारपीट हुई थी। इससे संतोष नाराज रहता था और मौके की तलाश में था। उसने टाड़ा निवासी पन्ना उर्फ राजन चौधरी के साथ मिलकर कैलाश की हत्या कर दी थी।