शौचालय नहीं बनवाया, पुलिस ने सास को बुलाया
गाजीपुर : एक सास को घर में शौचालय बनवाने से मना करना महंगा पड़ गया। बहू ने इसकी शिकायत थाने में
गाजीपुर : एक सास को घर में शौचालय बनवाने से मना करना महंगा पड़ गया। बहू ने इसकी शिकायत थाने में की तो सास को तलब कर लिया गया। मामला दुल्लहपुर के मिर्जापुर डिल्ला गांव का है। बहू ने आरोप लगाया कि वह काफी दिनों से घर में शौचालय बनवाने की बात अपने पति से कर रही है लेकिन सास मना कर दे रही हैं। परिवार परामर्श केंद्र के सदस्यों ने सास को 18 अक्टूबर को पुलिस लाइन में तलब किया है।
कासिमाबाद कोड़रा गांव निवासी माला गुप्ता की शादी वर्ष 2011 में दुल्लहपुर के मिर्जापुर डिल्ला गांव निवासी नीरज गुप्ता से हुई। शादी के बाद माला घर में शौचालय बनवाने की बात अपने पति से कही। माला का पति मां से पूछता तो वह हर बार मना कर देती। माला का यह भी आरोप है कि बार-बार शौचालय बनवाने की बात कहने पर सास इतना नाराज हुई की साबुन-सोडा सब देना बंद कर दीं। यह बात माला अपने मायके वालों से बताई। बेटी की परेशानी को देखते हुए माला के पिता उसके ससुराल गए और उसे मायके लेकर चले आए। माला सोची थोड़ी दिन में सब सामान्य हो जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। ससुराल के लोगों के व्यवहार में कोई परिर्वतन नहीं हुआ। इससे माला दुल्लहपुर थाने में तहरीर दी। मामला परिवारिक होने के चलते दुल्लहपुर पुलिस प्रार्थना पत्र को महिला प्रकोष्ठ को स्थानांतरित कर दिया। रविवार को प्रार्थना पत्र मिलने के बाद परिवार परामर्श केंद्र के सदस्यों ने माला के पति नीरज को तलब किया। फिर शुरू हुआ आरोप-प्रत्यारोप का दौर। माला का कहना था कि उसका पति शौचालय बनवा दे वह ससुराल जाने को तैयार है। जबकि नीरज का कहना था कि वह मां से पूछकर ही शौचालय बनवाएगा। दोनों की बातें सुनने के बाद परिवार परामर्श केंद्र के सदस्यों ने माला की सास को 18 अक्टूबर को तलब किया है। इस दौरान परिवार परामर्श केंद्र के सदस्यों के समक्ष कुल आठ वाद प्रस्तुत किए गए। जिसमें तीन दंपती को समझाबुझा कर एक साथ रहने को राजी कर दिया गया। वहीं कुशलता के बाद चार प्रकरण को बंद कर दिया गया। इस मौके पर सरदार दर्शन ¨सह, वीरेंद्र पाल, श्याम सिन्हा, सरिता गुप्ता, रेनू लता, मुनेश्वरी यादव आदि उपस्थित थी।