दुष्कर्म के मामले में दो को कैद, जुर्माना
गाजीपुर : अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट रूपेश रंजन की अदालत ने दुष्कर्म के मामले में सोमवा
गाजीपुर : अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट रूपेश रंजन की अदालत ने दुष्कर्म के मामले में सोमवार को दो आरोपियों को कैद व जुर्माने की सजा सुनाई। मुख्य अभियुक्त जमानियां के एक गांव निवासी प्रवेश पांडेय को आठ साल की कैद व 15 हजार रुपये अर्थदंड की सजा भुगतनी होगी। सह अभियुक्त उसके गांव के ही ओमप्रकाश तिवारी को साल भर की कैद व दो हजार रुपये अर्थदंड की सजा हुई। घटना 30 जुलाई 2007 की है। आरोपियों के गांव की ही शादी शुदा महिला शौच के लिए घर से बाहर सिवान में गई थी। दोनों उसे खींचकर खेत में ले गए और प्रवेश ने मुंह दबाकर दुष्कर्म किया। इसके बाद किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी देते हुए निकल गए। पीड़िता बदहवासी की हालत में घर पहुंची और परिजनों को घटना की जानकारी दी। इसके बाद परिजन उसे लेकर थाने पहुंचे। वहां दोनों आरोपियों के खिलाफ नामजद तहरीर दी। पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने के बाद पीड़िता का मेडिकल कराया। चिकित्सकीय परीक्षण में दुष्कर्म किए जाने की पुष्टि हुई। इसके बाद विवेचक ने दोनों के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया। मामले की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट में शुरू हुई। न्यायालय में पीड़िता ने खुद के साथ हुई ज्यादती को बताया। इसके अलावा चार अन्य गवाहों ने भी उसके कथानक की पुष्टि की। सुनवाई के दौरान सहायक शासकीय अधिवक्ता राजेंद्र यादव ने इसे जघन्य अपराध बताते हुए दोषियों को दंडित करने की पैरवी की। मुख्य आरोपी प्रवेश पांडेय पर दुष्कर्म करने और सह आरोपी ओमप्रकाश तिवारी पर छेड़खानी का दोष सिद्ध हुआ।