दो बीघा जमीन चढ़ी कटान की भेंट
मुहम्मदाबाद (गाजीपुर) : गंगा का जलस्तर जैसे-जैसे नीचे खिसकता जा रहा है, वैसे-वैसे कटान की विभीषिक
मुहम्मदाबाद (गाजीपुर) : गंगा का जलस्तर जैसे-जैसे नीचे खिसकता जा रहा है, वैसे-वैसे कटान की विभीषिका बढ़ती जा रही है। गुरुवार को सुबह तेज कटान शुरू होने से रामतुलाई गड्ढा के पास दो बीघा जमीन गंगा की धारा में समाहित हो गई। वहीं ठोकर को सुरक्षित करने के लिए विभाग की ओर से बनाई गई बल्ली स्क्रीन का लगभग 15 बल्ली व बांस आदि बहकर दूर चले गए। तेजी से हो रहे कटान से ठोकर की सुरक्षा को लेकर संशय बना हुआ है।
जलस्तर में लगातार गिरावट होना शुरू हो गया है। बारिश का सीजन शुरू होने के साथ ही सेमरा व शिवराय का पुरा गांव के लोगों की मुश्किलें काफी बढ़ जाती हैं। गंगा का जलस्तर बढ़ने के बाद उसकी तबाही से सेमरा व शिवराय का पुरा गांव के किसानों का जहां हजारों बीघा कृषि भूमि गंगा की धारा में समाहित हो गई वहीं आशियाना धारा में विलीन होने से आज भी काफी संख्या में लोग विस्थापन का जीवन व्यतीत कर रहे हैं। इस बरसात में गांव के पूरब रामतुलाई गड्ढा स्थित ठोकर से लेकर परिया चौरासी के बीच कटान का केंद्र बन चुका हैं। अब तक कटान से 20 बीघा से अधिक कृषि भूमि गंगा की धारा में समाहित हो चुकी है। गुरुवार को सुबह कटान के चलते रामतुलाई गड्ढा के बगल में स्थित तुलसी पटेल व काशी पटेल की कृषि भूमि सहित ठोकर के बगल में स्थित जमीन सहित करीब दो बीघा जमीन गंगा में विलीन हो गई। कटान के चलते ठोकर की सुरक्षा के लिए विभाग की ओर से बल्ली स्क्रीन में लगाई गई करीब 15 बल्ली के साथ-साथ उसमें बांधे गए बांस व झाड़झंखाड़ पानी के थपेड़ों को सहन नहीं कर सके और उसी के साथ बह गए। कटान की विभीषिका को देखते हुए अब लोग ठोकर की सुरक्षा को लेकर ¨चतित नजर आ रहे हैं। कटान के चलते इस किनारे से खेतों में जाने आने का रास्ता भी बाधित हो गया। धीरे-धीरे कटान पीछे की ओर बढ़ने से सबसे ज्यादा मुश्किल खलिहान की जमीन व मातृ शिशु कल्याण केंद्र आदि में रहने वालों की हो गई है। इसी तरह अगर कटान हुआ तो आने वाले समय में लोगों को दूसरे जगह आशियाना बनाना पड़ सकता है।