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कालजयी कथाकार थे मुंशी प्रेमचंद

गाजीपुर : पंडित रामचरित उपाध्याय स्मृति संस्थान के तत्वावधान में शुक्रवार की शाम प्रेमचंद की जयंत

By Edited By: Published: Sat, 01 Aug 2015 07:48 PM (IST)Updated: Sat, 01 Aug 2015 07:48 PM (IST)
कालजयी कथाकार थे मुंशी प्रेमचंद

गाजीपुर : पंडित रामचरित उपाध्याय स्मृति संस्थान के तत्वावधान में शुक्रवार की शाम प्रेमचंद की जयंती मनाई गई। वरिष्ठ साहित्यकार डा.जितेंद्र नाथ पाठक ने कहा कि प्रेमचंद सच्चे अर्थों में सामाजिक उपन्यास लेखन के समारंभकर्ता थे। उन्होंने तिलिस्मी और जासूसी उपन्यासों के आकर्षण को समाप्त किया। सेवासदन में उन्होंने भारतीय नारी की पराधीनता के खिलाफ जिस संघर्ष को शुरू किया वह बाद के उपन्यासों में किसानों की शोषण से मुक्ति, देश की परतंत्रता से मुक्ति आदि संघर्षों के रूप में दिखाई पड़ता है। गोदान उनका महाकाव्योचित सर्वश्रेष्ठ उपन्यास है।

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अध्यक्षता कर रहे विचारक प्रो.रामवृक्ष पांडेय ने कहा कि प्रेमचंद कालजयी कथाकार थे। आलोचक डा.मान्धाता राय ने कहा कि प्रेमचंद ने जिन किसानों का चित्रण किया है वह उनका भोगा हुआ सत्य है। डा.गौरीशंकर राय ने कहा कि उनकी भाषा ¨हदी का प्रकृत रूप है। रामावतार, डा.रमाशंकर ¨सह, डा.अंबिका प्रसाद पांडेय, प्रमोद राय, सियाराम शरण वर्मा, अशोक पांडेय आदि ने विचार रखा। गोष्ठी का संचालन गंगेश ने किया। डा.गौरीशंकर राय विमल ने धन्यवाद ज्ञापित किया। अंत में पूर्व राष्ट्रपति डा.एपीजे अब्दुल कलाम के निधन पर शोक व्यक्त किया।


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