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पहले दिन परिषदीय विद्यालयों पर सन्नाटा

गाजीपुर : एक जुलाई से सभी स्कूल-कालेज खुल गए। डेढ़ महीने बंद रहने के बाद बुधवार को खुले स्कूलों में

By Edited By: Published: Wed, 01 Jul 2015 07:24 PM (IST)Updated: Wed, 01 Jul 2015 07:24 PM (IST)
पहले दिन परिषदीय विद्यालयों पर सन्नाटा

गाजीपुर : एक जुलाई से सभी स्कूल-कालेज खुल गए। डेढ़ महीने बंद रहने के बाद बुधवार को खुले स्कूलों में बच्चों की काफी कम संख्या देखने को मिली। यहां तक कि कई स्कूलों में तो शिक्षक भी नहीं पहुंचे थे। किसी स्कूल में आठ तो किसी में दस बच्चे अनमने ढंग से आए थे। इक्का-दुक्का परिषदीय स्कूलों को छोड़कर कहीं पर एमडीएम नहीं बना। ऐसे में बच्चों को पहले दिन भूखे रहना पड़ा। वहीं निजी स्कूल गुलजार दिखे। हालांकि बहुत से निजी स्कूल 22 जून से अपना सत्र शुरू कर दिए लेकिन शेष ने एक जुलाई से सत्र शुरू किया।

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परिषदीय विद्यालयों की अपेक्षा कान्वेंट स्कूलों में अधिक बच्चे देखे गए। पिछले डेढ़ महीने तक स्कूल बंद रहने से सुबह देर तक सोने के आदी हो चले बच्चों को अभिभावकों ने जब अल सुबह ही जगाया तो वह अचकचा गए। स्कूल जाने के नाम पर बहुत से छोटे बच्चे खुश हो गए तो बहुत से बच्चे आनाकानी करने लगे। खैर किसी तरह उन्हें तैयार कर स्कूल बस या अन्य माध्यम से उनके स्कूल पहुंचाया गया। वहीं स्कूल खुलने से स्टेशनरी की दुकानों पर बच्चों एवं अभिभावकों की भीड़ देखी गई। कापी-किताब सहित अन्य सामानों की खूब खरीदारी हुई।

बीएसए ने वितरित किया ड्रेस

- स्कूल खुलने के पहले दिन बेसिक शिक्षाधिकारी चंद्रकेश ¨सह यादव ने पूर्व माध्यमिक विद्यालय विशेश्वरगंज में बच्चों को निशुल्क पुस्तक वितरण किया। पुस्तक पाकर बच्चे खुश हो गए। बीएसए ने कहा कि सभी स्कूलों के बच्चों को समय से पुस्तक वितरित किए जाएंगे। सभी खंड शिक्षाधिकारियों को निर्देश दिया कि वह स्कूलों में शत-प्रतिशत नामांकन एवं शिक्षण की गुणवत्ता बनाने पर ध्यान दें। इस मौके पर खंड शिक्षाधिकारी नगर निर्भय नारायण ¨सह, जिला समन्वयक एवं प्रशिक्षण अमरनाथ द्विवेदी, पीयूष श्रीवास्तव, अर¨वद उपाध्याय, रितेश ¨सह एवं प्रदीप पांडेय आदि मौजूद थे।

नहीं बना था दोपहर कर भोजन

मुहम्मदाबाद : नगर सहित ग्रामीण इलाकों में बुधवार से विद्यालयों के खुल जाने से चहल-पहल बढ़ गई। परिषदीय विद्यालयों में कहीं कहीं बच्चों को मध्याह्न भोजन परोसा गया तो कई जगह विद्यालयों से बच्चे भूखे घरों को लौटे। क्षेत्र के जीयनदासपुर स्थित प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालय में मिड-डे-मिल का शुभारंभ ग्राम प्रधान मंती यादव ने बच्चों को पूड़ी व खीर परोसकर किया। इस मौके पर प्रतिनिधि रवींद्र यादव, पूर्व माध्यमिक विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक राजीव रंजन श्रीवास्तव, प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक सुग्रीव राम, सुनंदा यादव, पूनम राय, चांदमुनी, ¨बदू देवी, प्रभुनाथ यादव, राजकुमार यादव मौजूद रहे। वहीं बैजलपुर एवं भदेसर स्थित प्राथमिक विद्यालय के बच्चे बिना भोजन किए ही घर लौटे।

लौवाडीह : परिषदीय विद्यालयों के खुलने से बच्चे प्रथम दिन पढ़ने तो पहुंचे लेकिन उन्हें दोपहर का भोजन न मिलने से निराशा ही हाथ लगी। पहले दिन बच्चों की उपस्थिति काफी कम देखी गई। क्षेत्र के सोनाड़ी, अवथही, लौवाडीह, जोगा मुसाहिब, रेड़मार, हेमराजपुर, चांदपुर, मलसा, बेलसड़ी आदि गांवों के परिषदीय विद्यालयों में एमडीएम नहीं बनाया गया।

भांवरकोल : क्षेत्र के परिषदीय विद्यालयों के खुलने से चहल पहल बढ़ गई। विद्यालय खुलने के पहले दिन अधिकतर विद्यालयों में दोपहर का खाना न बनाए जाने से बच्चे भूखे पेट अपने घरों को लौटे। वहीं पहले दिन कहीं भी पठन-पाठन होता नहीं देखा गया।


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