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तड़क-गरज के साथ बूंदा-बांदी, ग्रामीण क्षेत्रों में पड़े ओले

गाजीपुर : नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में शुक्रवार को बदले मौसम ने किसानों के माथे पर चिंता की लकीरों

By Edited By: Published: Fri, 27 Mar 2015 07:20 PM (IST)Updated: Fri, 27 Mar 2015 07:20 PM (IST)
तड़क-गरज के साथ बूंदा-बांदी, ग्रामीण क्षेत्रों में पड़े ओले

गाजीपुर : नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में शुक्रवार को बदले मौसम ने किसानों के माथे पर चिंता की लकीरों को बढ़ा दिया। शाम को आंधी, गरज-तड़प के साथ हुई बारिश एवं पत्थर ने दलहनी, तिलहनी एवं आम की फसलों को काफी नुकसान हुआ। बीते दिनों मौसम के कहर के चलते किसानों को काफी नुकसान हुआ था।

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दो दिनों से आसमान पर बादल की धुंध छाई हुई थी। मौसम में अचानक हुई गर्मी ने लोगों को परेशान कर दिया। दोपहर बाद आसमान पर छाए बादल घने होने लगे। शाम को अचानक गरज के साथ बूंदें पड़ने लगी। हालांकि कुछ ही देर बाद बूंदा-बांदी रूक गई। मुहम्मदाबाद : आकाश में बादल घिरे होने व एकाध बूंदाबांदी होने से किसानों के चेहरों पर चिंता का भाव दिखाई देने लगा। दोपहर बाद अचानक आकाश में बादल घिर गया। उसके बाद हल्की बूंदाबांदी होने लगी। इस समय किसान आलू की खुदाई के साथ-साथ दलहनी फसलों की कटाई में लगा है। वहीं अब गेहूं की फसल भी तैयार होने के कगार पर पहुंचा गया है। अगर बारिश हो गया तो किसान पूरी तरह से बर्बाद हो जायेंगे। लौवाडीह : दोपहर बाद अचानक हल्की बारिश होने से करईल इलाके में फसलों की कटाई व मड़ाई का कार्य ठप हो गया। हल्की बारिश से फसलों के भींग कर गीला होने से उसकी मड़ाई संभव नहीं है। तेज धूप निकलने के बाद खलिहान में रखे बोझ जब सूख जायेंगे तभी मड़ाई का कार्य हो पायेगा। गहमर : क्षेत्र में शाम में हुई बारिश से गेहूं व अरहर की फसल को काफी नुकसान हुआ है। किसानों की चिंता बढ़ गई है। लौवाडीह : गत माह हुई असमय बारिश ने करईल के किसानों को बर्बाद कर दिया है। दलहनी फसलें लगभग नष्ट हो चुकी है। मसूर की खेती पूरी तरह से चौपट हो गई है। खलिहानों में फसलों के बोझ तो दिखाई दे रहे है लेकिन उनमें फली नहीं है। किसान पूरे वर्ष परिवार का खर्च, बच्चों पढ़ाई, दवा, बिटिया की शादी का खर्च कैसे चलायेंगे उनके सामने यक्ष प्रश्न बना हुआ है। पिछले वर्ष भी किसान बाढ़ व बारिश से काफी नुकसान उठाये थे लेकिन आज उन्हें किसी तरह की आर्थिक मदद शासन की ओर से नहीं मिल सकी। इस वर्ष शासन की ओर से किसानों को फसलों के नुकसान का मुआवजा तो दिलाए जाने की बातें कही जा रही है लेकिन इसको लेकर करईल के किसान पूरी तरह से संशय में है। किसान राजेंद्र राय ने कहा कि दो वर्षो से खेती चौपट होने से किसानों के पास कुछ भी नहीं बचा है। उन्हें सरकारी सहायता दिलाया जाए। मनोज राय ने कहा कि बाढ़ से फसलों के पूरी तरह से बर्बाद होने के बावजूद सरकार की ओर से कोई रात नहीं दिया गया। राजेश यादव ने बताया कि चुनाव के समय तो लोग किसानों के लिए बड़े-बड़े दावे करते हैं लेकिन उसे मूर्त रूप देना कोई नहीं चाहता। विनोद सिंह ने कहा कि अगर इसी तरह उपेक्षा होती रही तो किसान खेती से मुंह मोड़ लेंगे। मनिहारी : क्षेत्र में शाम को अचानक ओला पड़ने से किसानों की कमर टूट गई। बल्लीपुर छपरी, मलिकपूरा, मोहम्मदपुर, बीबीपुर, हंसराजपुर खंडवा आदि गांव में बूंदा-बांदी के साथ पत्थर पड़े जिससे किसानों को दलहनी एवं तिलहनी फसलों का नुकसान हुआ। भदौरा : शाम को तेज बारिश एवं पत्थर पड़ने से दलहन एवं तिलहनों की फसलों का काफी मात्रा में नुकसान हुआ। सेवराई, सतरामगंज बाजार, मनिया, गोंड़सरा आदि गांवों में अचानक बारिश के साथ ओले पड़ने से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई। खेत में खड़ी गेहूं की फसलें गिर पड़ी। अचानक पत्थर पड़ने से राहगीरों ने छिपकर अपने को बचाया।


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