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शक्ति की भक्ति में गोता लगाते रहे श्रद्धालु

गाजीपुर : चैत्र नवरात्र में गुरुवार को नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में देवी मंदिरों में पूरे दिन प

By Edited By: Published: Thu, 26 Mar 2015 07:56 PM (IST)Updated: Thu, 26 Mar 2015 07:56 PM (IST)
शक्ति की भक्ति में गोता लगाते रहे श्रद्धालु

गाजीपुर : चैत्र नवरात्र में गुरुवार को नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में देवी मंदिरों में पूरे दिन पूजन-अर्चन का कार्यक्रम चलता रहा। सुबह से ही लोग कतार में लग कर माता के दर्शन करते रहे। नवरात्र में गौरी दर्शन-पूजन के क्रम में आठवें दिन शुक्रवार को मंगला गौरी के दर्शन-पूजन का विधान है।

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नगर के सिटी स्टेशन, सकलेनाबाद, मिश्र बाजार, महुआबाग, नवाबगंज, वीर अब्दुल हमीद सेतु स्थित मां काली सहित सभी देवी मंदिरों में पूरे दिन माहौल भक्तिमय रहा। देर रात तक श्रद्धालु मंदिरों भजन-कीर्तन करते रहे। दिलदारनगर : वासंतिक नवरात्र में नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों की देवी मंदिरों मे पूजन अर्चन के लिए श्रद्धालुओं का रेला उमड़ पड़ा। सायर माता मंदिर में दूर दराज से सुबह से लेकर शाम तक पूजन के लिये भीड़ लगी रह रही है। वही मंदिर मे आने वाले श्रद्धालुओं को नगर के छक्कन शाह द्वारा प्रसाद वितरण कराया जा रहा है। गिरनार आश्रम, लाली देवी दुर्गा मंदिर, माईजी कुटिया, बाबा किनाराम मठ देवल मे भी श्रद्धालुओ की भीड़ लग रही है। नवरात्र के छठवें दिन गांगी नदी स्थित दुर्गा मंदिर (देवी माई) में दिन भर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। रामलीला संघ (बरहपुर) की ओर से पूजा-पाठ व सजावट किया गया। मलसा : क्षेत्र के मेदनीपुर, भगीरथपुर, मलसा, देवरिया, चक मेदनी नंबर एक, मतसा, ढढ़नी के अलावा गांवों के देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं ने मत्था टेका।

सच्चे मन से मांगी गई मुरादें होती पूरी

करंडा : क्षेत्र के ब्राह्माणपुरा सरैयां स्थित पुरानी कोट के पास मां भगवती का मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र है। नवरात्र के मौके पर यहां भारी तादाद में श्रद्धालुओं का जमावड़ा होता है। सच्चे मन से मांगने वाली सभी मुरादें पूरी होती हैं। मान्यता है कि क्षेत्र के फड़ीस दत्त दुबे प्रत्येक वर्ष नवरात्र में मां विंध्यवासिनी के दर्शन के लिए पैदल जाया करते थे। एक बार नवरात्र में उनकी तबीयत खराब हो गई। वह मां के दर्शन को नहीं जा पाए। तब देवी ने सपने में आकर उन्हें दर्शन दिया। कहा कि नियत स्थान पर बरगद के पेड़ के नीचे खोदाई करो, वहां एक प्रतिमा दबी हुई है। उसे निकाल कर उसकी प्राण-प्रतिष्ठा कर वहीं पर उसका पूजन-अर्चन करो। सुबह जब उन्होंने खुदाई की तो वहां पर मां भगवती की मूर्ति निकली। उसकी प्राण-प्रतिष्ठा कर वहां स्थापित किया गया। तब से वहां पर पूरे वर्ष श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है। समाजसेवी विनीत दुबे ने बताया कि नवरात्र में पूरे नौ दिन युवकों की टोली बनाई गई है जो बारी-बारी से आकर रामायण का पाठ करती है। इस दौरान क्षेत्र के तिवारीपुर, मैनपुर, बेदौली, करंडा, विश्रामपुर आदि गांव से श्रद्धालु आकर पूजा पाठ करते हैं।


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