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जिलाधिकारी से वसूले जाएंगे 2.21 लाख

गाजीपुर : सिविल जज (सीनियर डिवीजन) राजबहादुर रामदेव यादव ने सरकारी कोष को क्षति पहुंचाने के मामले मे

By Edited By: Published: Wed, 04 Mar 2015 01:01 AM (IST)Updated: Wed, 04 Mar 2015 01:01 AM (IST)
जिलाधिकारी से वसूले जाएंगे 2.21 लाख

गाजीपुर : सिविल जज (सीनियर डिवीजन) राजबहादुर रामदेव यादव ने सरकारी कोष को क्षति पहुंचाने के मामले में पूर्व जिलाधिकारी मामराज सिंह को दो लाख 21 हजार 915 रुपये जमा करने का आदेश दिया है। उन्हें यह राशि दो माह के अंदर जमा करनी है।

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जिला शासकीय अधिवक्ता (सिविल) आत्मा यादव ने बताया कि तत्कालीन एसडीएम विजयनाथ पांडेय ने 29 जुलाई 2006 को जिलाधिकारी मामराज सिंह पर राजकोष को क्षति पहुंचाने के मामले में सिविल जज सीनियर डिवीजन के यहां वाद दाखिल किया था। आरोप था कि 12 जून 1995 को कलेक्ट्रेट में लिपिक पद पर शिवलोचन सिंह कुशवाहा व अन्य सात लोगों की नियुक्ति की गई थी। छह दिसंबर 95 को इन नियुक्तियों को अवैध घोषित कर दिया गया। इस मामले में शिवलोचन को छोड़ अन्य सभी कर्मचारी उच्च न्यायालय की शरण में चले गए जहां पिछले आदेश को निरस्त कर दिया गया। इस दौरान शिवलोचन कुशवाहा अपने पद पर तैनात रहते हुए वेतन का लाभ लेते रहे। छह दिसंबर-1996 को जिलाधिकारी मामराज सिंह ने शिवलोचन को बिना उनका पक्ष सुने हटा दिया। फैसले के खिलाफ शिवलोचन ने भी उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट ने तत्कालीन जिलाधिकारी को शिवलोचन का पक्ष सुनकर निर्णय करने का आदेश दिया। चूंकि मामराज सिंह का तबादला हो चुका था इसलिए नए डीएम रवींद्रनाथ त्रिपाठी ने पूर्व जिलाधिकारी के निर्णय को सही ठहराते हुए प्रदेश सरकार को रिपोर्ट भेज दी। शासन ने इसकी जांच का आदेश राजस्व राहत सचिव अनंत कुमार को सौंपा। सचिव ने जांच में मामराज सिंह को दोषी पाया। साथ ही शिवराज द्वारा आहरित वेतन की राशि वसूलने के लिए वाद दाखिल करने की संस्तुति की। उसी आधार पर एसडीएम की ओर से दाखिल मुकदमे में पूर्व जिलाधिकारी से 2.21 लाख रुपये वसूलने के आदेश दिए गए हैं।


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