आत्मा व्यक्ति की सबसे अच्छी मित्र
सैदपुर (गाजीपुर) : लाल किला से तीन देश बारह राज्यों में जाने के लिए निकली अहिंसा यात्रा मंगलवार की स
सैदपुर (गाजीपुर) : लाल किला से तीन देश बारह राज्यों में जाने के लिए निकली अहिंसा यात्रा मंगलवार की सुबह नगर में पहुंची। जैन धर्म के श्वेताम्बर शाखा के आचार्य महाश्रमण के साथ हजारों अनुयायी आए।
नगर स्थित मैरेज हाल में प्रवचन के दौरान उन्होंने कहा कि यात्रा का उद्देश्य सद्भावना व नैतिकता का प्रचार-प्रसार एवं नशामुक्ति है। उन्होंने कहा कि बेइमानी सामाजिक स्वास्थ्य में बाधक है। इससे उत्पन्न होने वाली अनैतिकता से समाज में असंतोष बढ़ता है। समाज में अहिंसा की भावना को बढ़ने से नागरिकों के बीच का संबंध मजबूत होता है। उन्होंने कहा कि नशा पतन का मुख्य कारण है। नशा मुक्त समाज की स्थापना ही यात्रा का अहम उद्देश्य है। उन्होंने मित्रता पर बल दिया। कहा कि अध्यात्म साधना में मैत्री का विशेष महत्व है। मैत्री के छह लक्षण हैं। वस्तु का देना व लेना, पूछना और बताना, खाना व खिलाना। क्रोध व स्वार्थ मित्रता में बाधक हैं। मित्र के प्रति हितैषी होना चाहिए। उन्होंने कहा कि व्यक्ति की सबसे अच्छी मित्र उसकी आत्मा होती है। सभी के साथ मित्र जैसा व्यवहार करें।
भूटान व नेपाल तक जाएगी अहिंसा यात्रा
सैदपुर : अहिंसा यात्रा बीते नौ नवंबर को दिल्ली के लाल किला से शुरू हुई है। यह भूटान व नेपाल पहुंचेगी। इस बीच 12 राज्यों का भ्रमण करेगी। जगह-जगह रुककर आचार्य अपना संदेश देंगे। बुधवार को यात्रा देवकली पहुंचेगी।