पति समेत तीन को पांच साल सश्रम कारावास
गाजीपुर : दहेज के लिए प्रताड़ित कर आत्महत्या को विवश करने के मामले में एडीजे पंचम चंद्रहास राम ने शनि
गाजीपुर : दहेज के लिए प्रताड़ित कर आत्महत्या को विवश करने के मामले में एडीजे पंचम चंद्रहास राम ने शनिवार को पति, जेठानी और सास को पांच साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई। सभी पर नौ-नौ हजार रुपये जुर्माना भी लगा। जुर्माना न देने पर एक साल का और कारावास भुगतना होगा। प्रकरण साढ़े तीन वर्ष पुराना है। भुड़कुड़ा के बिजहरी गांव स्थित ससुराल में 10 जुलाई 2011 की रात सुष्मा ने तीन साल की बेटी प्राची संग आत्महत्या कर ली थी।
सादात के हुरमुजपुर निवासी विक्रमादित्य विश्वकर्मा ने उसकी शादी आठ जून 2003 को बिजहरी निवासी श्यामनरायन से की थी। शादी के बाद से ही पति के अलावा सास धनावती देवी और जेठानी बिंदू देवी कम दहेज मिलने की बात कहकर उसे प्रताड़ित करने लगे। कुछ अंतराल बाद सुष्मा को पता चला कि श्यामनरायन का अवैध संबंध उसकी जेठानी बिंदू से है। इसका वह विरोध करती थी। इसके बाद उसको और प्रताड़ित किए जाने लगा। पिता का आरोप था कि सुष्मा को कई बार ससुराल वालों ने मारापीटा, जिसकी जानकारी उसने मायके भी दी थी। प्रताड़ना से तंग आकर सुष्मा ने बेटी संग ससुराल में ही आत्महत्या कर ली। मायके वालों को दूसरे दिन पड़ोसी ने खबर दी तो वे बिजहरी पहुंचे। वहां सुष्मा और उसकी पुत्री प्राची की लाश चारपाई पर पड़ी थी। साल भर की छोटी बेटी प्रतिज्ञा की भी हालत खराब थी। पिता की तहरीर पर भुड़कुड़ा थाने की पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया। विवेचना में पति समेत तीनों के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया। सुनवाई के दौरान आठ गवाहों ने घटना की पुष्टि की। तथ्य व सबूतों के आधार पर न्यायालय ने उक्त फैसला सुनाया।