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सीट बढ़ने का इंतजार कर रही छात्राएं

गाजीपुर : राजकीय महिला पीजी कालेज में अभी भी सैकड़ों छात्राएं स्नातक स्तर पर सीट बढ़ने का इंतजार कर र

By Edited By: Published: Wed, 17 Dec 2014 06:47 PM (IST)Updated: Wed, 17 Dec 2014 06:47 PM (IST)
सीट बढ़ने का इंतजार कर रही छात्राएं

गाजीपुर : राजकीय महिला पीजी कालेज में अभी भी सैकड़ों छात्राएं स्नातक स्तर पर सीट बढ़ने का इंतजार कर रही हैं। दिसंबर बीतने जा रहा है लेकिन अभी स्थित स्पष्ट नहीं हो पा रही है। इससे छात्राओं की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं।

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इस कालेज में स्नातकोत्तर स्तर पर सात विषय संचालित होते हैं। इसमें हिंदी, अंग्रेजी, गृहविज्ञान, शिक्षाशास्त्र, राजनीतिशास्त्र, प्राचीन इतिहास एवं अर्थशास्त्र शामिल हैं। प्रत्येक विषय में साठ-साठ सीटें हैं लेकिन बाद में बीस-बीस सीटें विश्वविद्यालय द्वारा बढ़ाई जाती हैं। गृह विज्ञान एवं शिक्षाशास्त्र में तो सात से आठ सौ छात्राओं ने आवेदन किया था। सभी विषयों में प्रवेश मेरिट के आधार पर किया गया।

इसके लिए आनलाइन आवेदन करना था। छात्राओं की संख्या अधिक होने के कारण मेरिट काफी उपर चली गई। यहां तक कि इसी कालेज से स्नातक करने वाली बहुत सी छात्राओं को भी स्नातकोत्तर में प्रवेश नहीं मिल पाया, क्यों वो मेरिट से बाहर हो गई। हालांकि कालेज की छात्रा होने के चलते उन्हें पांच फीसद अंक का बोनस दिया गया था। प्रवेश का इंतजार कर रही छात्राओं की चिंता यह है कि इस काले का इंतजार करते-करते अन्य कालेजों की भी सीटें भर गई इससे वह और जगह भी प्रवेश नहीं ले पाई। ऐसे में अगर यहां भी सीट नहीं बढ़ी तो उनका यह साल बर्बाद हो जाएगा।

कालेज की चूक को बनाया बहाना

प्रत्येक विषय में 20 सीटें हर वर्ष बढ़ाई जाती हैं। केवल पिछले वर्ष नहीं बढ़ाई गई थीं। इसका कारण यह था कि महिला कालेज से सीट बढ़ाने से संबंधित फाइल विश्वविद्यालय को भेजने में थोड़ी देर हो गई थी। इससे पिछले वर्ष भी सीटें नहीं बढ़ पाई थीं। इस वर्ष जब कालेज ने सभी विषयों में बीस-बीस सीटें बढ़ाने की मांग की तो विश्वविद्यालय पिछले वर्ष फाइल देर से पहुंचाने का बहाना बनाकर आनाकानी कर रहा है। हालांकि कालेज प्रशासन प्रयास में लगा हुआ है कि सीटें बढ़ जाएं।

विश्वविद्यालय से की है मांग

पूर्वाचल विश्वविद्यालय से सीट बढ़ाने की मांग की गई हैं। अभी काफी छात्राएं प्रवेश से वंचित हैं। सीट बढ़ने से छात्राओं के साथ कालेज को भी काफी राहत मिलेगी। - डा. मंजूलता लाल, प्राचार्य राजकीय महिला पीजी कालेज।


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