..तो मिनटों में ट्रेस हो जाएगी गायब हुई गाड़ी
गाजीपुर : आपको अब अपनी गाड़ी चोरी होने का भय नहीं सताएगा। आटोमोबाइल सिक्योरिटी सिस्टम गाड़ी में लगाने
गाजीपुर : आपको अब अपनी गाड़ी चोरी होने का भय नहीं सताएगा। आटोमोबाइल सिक्योरिटी सिस्टम गाड़ी में लगाने के बाद यह पूरी तरह सुरक्षित हो जाएगी। कोई भी चोर गाड़ी को स्टार्ट नहीं कर पाएगा। अगर चुरा भी ले गया तो उसे मिनटों में ट्रेस किया जा सकता है। इसमें सबसे खास बात ये आप अपने मोबाइल फोन से इसे आपरेट कर सकते हैं। इस तकनीक को कोई बड़ी कंपनी नहीं बल्कि अपने जिले के दो होनहार दिलीप रोशन एवं मयंक सिंह ने ईजाद किया है।
इससे पहले भी दिलीप कई तकनीक का आविष्कार कर चुके हैं। उन्होंने डिस एंटीना के लिए ऐसी मशीन बनाई कि एंटीना की छतरी को किसी भी एंगल पर लगाएं, वह टीवी सेटेलाइट के अनुसार अपने आप को खुद सेट कर लेगी। बताया कि एक सिस्टम लगवाने का का खर्च मात्र डेढ़ से दो हजार रुपये है। बताया कि इसमें कंप्यूटर एवं मोबाइल सहित अन्य आटोमेटिक उपकरणों के पार्ट का उपयोग किया गया है। इसके निर्माण में ऐमबेडेड सिस्टम (हार्डवेयर एवं साफ्टवेयर का कांबीनेशन) का प्रयोग किया गया है।
इसके लिए स्पेशल साफ्टवेयर उन्होंने खुद बनाया है। इस तकनीक की कापीराइट करना बहुत मुश्किल है। दिलीप ने आटोमोबाइल सिक्योरिटी सिस्टम को अपनी स्कूटी में लगाया है। बताया कि इसको लांच करने के लिए एक बाइक निर्माता कंपनी से बातचीत चल रही है। शीघ्र ही कंपनी इस तकनीक का परीक्षण करने वाली है।
गंवई माटी से निकली प्रतिभा..
जमानिया क्षेत्र के तियरी गांव निवासी दिलीप रोशन के पिता नेवी से सेवानिवृत हैं। दिलीप ने सेंटर फार डेवलनमेंट आफ एडवांस कंप्यूटिंग से एमटेक किया है। पास आउट होने के बाद दिलीप ने कई बड़ी कंपनियों में काम किया लेकिन नौकरी उन्हें रास नहीं आई। वो बच्चों को एडवांस टेक्नालाजी की जानकारी देने के साथ उसकी उपयोगिता के बारे में में ज्ञान देना चाहते थे।
ऐसे में नौकरी छोड़ दी और वर्तमान समय में शहर के तड़बनवा में आकर एक टेक्निकल इंस्टीट्यूट खोल बच्चों को पढ़ा रहे हैं। उनका साथ दिया तुलसीपुर निवासी मयंक सिंह ने। मयंक ने हाल में ही एनआइटी पास आउट किया है। एक और सहयोगी हैं दीपक सिंह जो बीटेक करने के बाद फिलहाल इलाहाबाद में आगे की पढ़ाई कर रहे हैं।
रीगार्डिग आटोमोबाइल सिक्योरिटी सिस्टम की खास बातें
- एक छोटा सा कंप्यूराइज्ड सिस्टम गाड़ी में इंस्टाल किया जाएगा।
- इसमें सिम लगा रहेगा जो लगातार गाड़ी की लोकेशन देगा।
- यह आपके मोबाइल फोन से ही आपरेट होगा।
- इसमें तीन अंक का पासवर्ड इंस्टाल किया गया है। जिसके पास यह पासवर्ड रहेगा वही गाड़ी चला सकता है।
- आपकी गाड़ी चोरी हो भी गई तो इसे तुरंत लाक कर सकते हैं।
- गाड़ी में लगा सिम अगर नेटवर्क से बाहर हो जाएगा तो इसमें लगे जीपीएफ सिस्टम से गाड़ी की लोकेशन जानी जा सकेगी।
- बाइक में लगी बैट्री से ही चलेगा यह सिस्टम।
- आटो मोड में करने के बाद अगर कोई इसे गाड़ी से निकाल भी दे तो गाड़ी लाक हो जाएगी।