सिंचाई संसाधनों को दें बिजली, अन्यथा नपेंगे
गाजीपुर : बिजली के अभाव में राजकीय नलकूप और नहरें बंद मिलीं तो खैर नहीं होगी। जिलाधिकारी नरेंद्र सिं
गाजीपुर : बिजली के अभाव में राजकीय नलकूप और नहरें बंद मिलीं तो खैर नहीं होगी। जिलाधिकारी नरेंद्र सिंह पटेल ने शनिवार को कैंप कार्यालय पर समीक्षा बैठक में किसान हित की अनदेखी करने पर अपनी मंशा जताई। बिजली के चलते बाधा होने पर संबंधित अफसरों को नापने की चेतावनी दी।
जिलाधिकारी का रुख बैठक में ही बिजली अफसरों के विलंब से पहुंचने पर कड़ा था। बिजली के अभाव में दो पेयजल योजना इकाइयों के संचालित न होने की बात सामने आने पर आक्रोशित हो उठे। पता चला कि विकास खंड मनिहारी में निर्मित पेयजल इकाई को कनेक्शन देने के लिए गत 27 मई को 253142 धनराशि अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खंड प्रथम को प्रेषित किए जाने के बाद भी कनेक्शन नहीं हुआ।
विकास खंड करंडा स्थित दीनापुर पेयजल इकाई पर विद्युत संयोजन के लिए 229219 रुपये की धनराशि अधिशासी अभियंता विद्युत द्वितीय को भी दी जा चुकी है।
सिंचाई विभाग ने गिनाई शिकायतें
लघु सिंचाई विभाग द्वारा बताया गया कि जल प्रबंधन समिति छपरी मनिहारी में विद्युत संयोजन के लिए पांच मई 2012 को 84400 रुपये विद्युत अभियंता प्रथम को भेजा जा चुका है, परन्तु अभी तक विद्युत संयोजन नहीं किया गया है। निजी बोरिंग येाजना के अन्तर्गत सदर तहसील के भंवरी निवासी धमेंद्र यादव द्वारा विद्युत संयोजन हेतु 68000 रुपये विभाग द्वारा विद्युत अभियन्ता प्रथम को भेजा गया हैं। इसी प्रकार 16 लाभार्थियों की 10 लाख 73 हजार 929 रुपये अप्रैल माह में विद्युत खण्ड द्वितीय को तथा चार प्रकरण में 258197 हजार रुपये अप्रैल 2014 को विद्युत वितरण खंड तृतीय को प्रेषित किया गया परन्तु अभी तक विद्युत संयोजन नहीं किया गया है।
नलकूप विभाग का भी सामने आया दर्द
नलकूप विभाग के अभियंता ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2013-14 में 14 नलकूपों के विद्युतिकरण हेतु धनराशि बिजली विभाग को भेजी गई। बावजूद इसके अभी तक किसी भी नलकूप पर विद्युत संयोजन नही किया जा सका। 45 राजकीय नलकूपों पर प्राइवेट व्यक्तियों को कनेक्शन देने से आए दिन लो वोल्टेज की समस्या आती रहती है। उपस्थित विद्युत अभियंता संतोषजनक उत्तर नहीं दे सके। उन्होंने उपकरणों की आपूर्ति का अभाव बताया।
किया जवाब तलब
जिलाधिकारी ने पेयजल योजनाओं तथा सिंचाई के साधनों को उर्जीकृत करने के संबंध में कार्रवाई न करने और लंबित रहने के कारण स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया। विद्युतिकरण हेतु विभागीय उच्चाधिकारियों से आवश्यक संमन्वय स्थापित कर उपकरणों की आपूर्ति सुनिश्चित कराते हुए विद्युत संयोजन की कार्यवाही एक माह में पूर्ण करते हुए अवगत कराने को कहा।