अफसर नदारद, समस्याओं का नहीं हुआ समाधान
गाजीपुर : मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की विवादों के निस्तारण की प्राथमिकता और मंशा को नौकरशाह पलीता लगा
गाजीपुर : मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की विवादों के निस्तारण की प्राथमिकता और मंशा को नौकरशाह पलीता लगा रहे हैं। बसपा सरकार में आयोजित थाना दिवस का नाम बदलकर सपा राज में समाधान दिवस किया गया। इसके पीछे सोच यह थी कि नाम लेते ही अफसरों के जेहन में मामले निस्तारित करने की सोच उभर आएगी। शनिवार को शहर कोतवाली में आयोजित समाधान दिवस का जायजा लिया गया तो परिणाम चौंकाने वाले थे।
महज एक एसआइ मौजूद थे। अधिकारियों के न होने से लेखपाल अलग ग्रुप में कुर्सी लगाकर बैठे बतकुच्चन कर समय काट रहे थे। फरियादी प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी के फरियाद सुनने आने का इंतजार कर रहे थे। घंटों इंतजार के बाद कुछ लोग बगैर प्रार्थना पत्र दिए ही लौट गए तो कुछ ने फरियाद दर्ज कराने की औपचारिकता पूरी की।
सुबह दस बजे से ही लोग अपनी-अपनी समस्या को लेकर कोतवाली पहुंच गए थे। कुछ देर बाद हलके के लेखपाल, कानूनगो भी आ गए। उच्चाधिकारियों के न रहने के कारण सभी कुर्सियां लेकर धूप में बैठ गए। कोतवाली के एसआइ कुर्सियों पर बैठ कर अपना-अपना काम निपटा रहे थे। फरियादी समझ नहीं पा रहे थे कि प्रार्थना पत्र किसको दें। कुछ ने हिम्मत कर अगर प्रार्थना पत्र देना भी चाहा तो उसे कुछ देर बाद आने की बात कह दी गई। फरियादी कोतवाली परिसर स्थित पेड़ के नीचे बैठ गए।
केस 1-
शहर कोतवाली धांवा निवासी सूर्यनाथ जमीन संबंधी मामले को लेकर 11 बजे कोतवाली पहुंचे। यहां उन्होंने देखा की कोई भी जिम्मेदार अधिकारी नहीं है। लेखपाल कुर्सियों पर बैठकर आपस में बात कर रहे है। घंटों खड़े रहने के बाद वह लौट गए।
केस 2-
शास्त्रीनगर निवासी भगवती राय जमीन संबंधी मामले विवाद को लेकर कुछ लोगों के साथ 11.15 बजे कोतवाली पहुंचे। उन्होंने देखा कि फरियादी इधर-उधर टहल रहे हैं। सुनवाई करने वाला कोई जिम्मेदार अफसर नहीं है। करीब आधे घंटे तक वह कोतवाली में चक्कर काटते रहे, बाद में उन्होंने पूछा प्रार्थना पत्र किसको दें। जवाब मिला, साहब नहीं हैं।
हमें जानकारी नहीं
हम व सीओ सदर करंडा में समाधान दिवस में गए थे। कोतवाली में कौन अधिकारी गया था हमें जानकारी नहीं है।
-अरुण कुमार सिंह, एसडीएम सदर।
नगसर में नहीं आए फरियादी
समस्याओं का समाधान नहीं होने से अब लोगों का मोह भंग होने लगा है। नगसर थाना क्षेत्र में पड़ने वाले 16 गावों से शनिवार को काई भी प्रार्थना पत्र नहीं आया। प्रभारी थानाध्यक्ष रामबली राम दो बजे तक बैठे रहे और एक भी फरियादी नहीं आए। इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि या तो लोगों का भरोसा खाकी से उठ गया है या फिर वाकई में गांव में कोई समस्या नहीं है।