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मगई नदी ने तटवर्ती गांवों की बढ़ाई मुसीबत

मुहम्मदाबाद (गाजीपुर) : मगई नदी में शारदा नहर का पानी छोड़े जाने से क्षेत्र के किसानों की सैकड़ों एकड़

By Edited By: Published: Wed, 29 Oct 2014 07:01 PM (IST)Updated: Wed, 29 Oct 2014 07:01 PM (IST)
मगई नदी ने तटवर्ती गांवों की बढ़ाई मुसीबत

मुहम्मदाबाद (गाजीपुर) : मगई नदी में शारदा नहर का पानी छोड़े जाने से क्षेत्र के किसानों की सैकड़ों एकड़ फसल डूबकर बर्बाद हो गई है। किसानों के सामने सबसे अधिक समस्या रबी की बोआई है। गेहूं की बोआई करने पर सिंचाई की समस्या आड़े आएगी। इसे लेकर किसान परेशान हैं।

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दस दिनों से मगई में पानी छोड़े जाने का क्रम बना हुआ है। इससे जलस्तर बढ़ने से क्षेत्र के सुखपुरा, जकरौली, बरेजी, पहाड़ीपुर, हाटा, मानिकपुर, रघुवरगंज, परसा, राजापुर, करीमुद्दीनपुर, जोगा मुसाहिब, लट्ठूडीह आदि गांवों के सैकड़ों एकड़ भू-भाग में लगी फसल डूब कर बर्बाद हो रही है। करइल इलाके में मसूर की खेती व्यापक पैमाने पर होती है। अब इसकी बोआई संभव नहीं है।

पिछले वर्ष प्राकृतिक प्रकोप के चलते तूफानी बारिश होने से किसान इस खेती से वंचित रह गए। इस वर्ष शारदा कैनाल का पानी नदी में छोड़कर किसानों की मुसीबत और बढ़ा दी गई। विनोद राय, रामव्यास राय, बुल्लू राय, ओंकार नाथ राय, बृजलाल यादव आदि ने बताया कि सूखा के चलते उनकी खेती पहले ही बर्बाद हुई। किसी तरह जब फसल तैयार किया गया तो तूफानी बारिश ने कुछ नुकसान पहुंचाया।

फसल काटने का समय नजदीक आया तो नहर का पानी नदी में छोड़ दिया गया। आगे गेहूं की बोआई करने पर सिंचाई की समस्या आड़े आएगी। तहसील दिवस पर शिकायत के बाद भी अब तक कार्रवाई नहीं की गई। इसके विरोध में तहसील में धरना-प्रदर्शन किया जाएगा।


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