दहेज हत्या के मामले में चार दोषमुक्त
गाजीपुर : दहेज हत्या के मामले में मंगलवार को जनपद न्यायाधीश शमशाद अहमद ने पति समेत ज्येष्ठ, सास एवं
गाजीपुर : दहेज हत्या के मामले में मंगलवार को जनपद न्यायाधीश शमशाद अहमद ने पति समेत ज्येष्ठ, सास एवं श्वसुर को दोषमुक्त कर दिया। साथ ही मिथ्या साक्ष्य देने के आरोप में वादी के खिलाफ प्रकीर्ण मुकदमा दर्ज करने का आदेश सुनाया।
अभियोजन पक्ष के अनुसार करीमुद्दीनपुर थाना क्षेत्र के ढुढि़यां गांव निवासी कुनिंदी सुभावती देवी ने अपनी पुत्री कमलेश उर्फ मुटुर की शादी शादियाबाद थाना क्षेत्र के गोसाई का पुरवा के दिनेश गिरी उर्फ डब्लू के साथ वर्ष 2006 में की थी। चार साल बाद 2010 में कमलेश का गौना हुआ। कुछ ही दिनों बाद उसके पति दिनेश, श्वसुर सुरेश, सास विमला देवी एवं ज्येष्ठ संजय गिरी उससे एक लाख रुपये व बाइक की मांग करने लगे। दहेज देने में मायके वालों के सक्षम न होने पर ससुराल वाले विवाहिता पर दबाव बनाने लगे। अधिक दबाव बनाने पर सुभावती ने भूमि बेच कर साठ हजार रुपये बेटी के ससुराल वालों को दिया लेकिन कमलेश के ससुरालीजन एक लाख रुपये की मांग पर अड़े रहे। आठ अक्टूबर 2012 को दस बजे दिन में फोन से सुभावती देवी को सूचना मिली कि कमलेश की मृत्यु हो गई है। इसके बाद जब मायका पक्ष मौके पर पहुंचा तो कमलेश का शव पंखे से लटका मिला। अभियोजन पक्ष हत्या के मामले को साबित करने में नाकाम रहा। संदेह का लाभ देते हुए विद्वान न्यायाधीश ने सभी आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया। साथ ही मिथ्या साक्ष्य देने के लिए सुभावती देवी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने का आदेश जारी किया।