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छात्रवृत्ति से वंचित हो सकते हैं सैकड़ों छात्र

गाजीपुर : आनलाइन छात्रवृत्ति आवेदन एवं आनलाइन प्रमाण पत्र जारी करने की सरकारी योजनाएं छात्र-छात्राओं

By Edited By: Published: Sun, 26 Oct 2014 01:00 AM (IST)Updated: Sun, 26 Oct 2014 01:00 AM (IST)
छात्रवृत्ति से वंचित हो सकते हैं सैकड़ों छात्र

गाजीपुर : आनलाइन छात्रवृत्ति आवेदन एवं आनलाइन प्रमाण पत्र जारी करने की सरकारी योजनाएं छात्र-छात्राओं के लिए मुसीबत बन गई हैं। कारण कि 31 अक्टूबर दशमोत्तर छात्रवृत्ति के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि है और उनका आनलाइन आय, जाति एवं निवास प्रमाणपत्र अभी तक नहीं जारी हो पाया है। हालांकि आवेदन किए किसी को कई सप्ताह तो किसी को महीनों बीत गए हैं। ऐसे में विद्यार्थी मायूस हो गए हैं कि वे छात्रवृत्ति पाने से वंचित हो जाएंगे।

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सर्वाधिक परेशानी उन गरीब छात्र-छात्राओं को हो रही है जो छात्रवृत्ति के भरोसे ही अपनी पढ़ाई कर रहे हैं। उनका कहना है कि अगर उन्हें छात्रवृत्ति नहीं मिली तो पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ेगी, क्यों कि उनके परिजन पढ़ाई का खर्च उठाने में सक्षम नहीं हैं।

पारदर्शिता के लिए आनलाइन प्रमाण पत्र

शासन ने तो आनलाइन प्रमाण पत्र जारी करने की योजना इसमें पारदर्शिता के लिए शुरू की थी लेकिन इसमें काफी देरी होने से मुश्किल खड़ी हो गई है। दशमोत्तर छात्रवृत्ति आवेदन एक सितंबर से शुरू हुई थी जो 31 अक्टूबर तक चलनी है। उसके बाद वेबसाइट अपने आप लाक हो जाएगी। आवेदन करने के लिए विद्यार्थियों को आनलाइन जारी किए गए आय, जाति एवं निवास प्रमाण पत्र की आवश्यकता पड़ रही है।

आनलाइन से पहले हाथों-हाथ प्रमाण पत्र बनवाने में काफी धांधली होती थी। फर्जी प्रमाण पत्र थमा दिए जाते थे। बाद में जब जांच होती थी तो अभ्यर्थी पकड़ा जाता था और उसे काफी नुकसान होता था। यह फर्जीवाड़ा पर रोक लगाने के लिए शासन ने आनलाइन प्रमाण पत्र बनाना शुरू कर दिया।

कहां हो रही देरी.

आनलाइन आय, जाति एवं निवास प्रमाणपत्र बनाने के लिए शासन ने जनवाणी एवं सहज जनसेवा केंद्रों को अधिकृत किया है। पिछले दिनों सभी तहसीलों के एसडीएम एवं जिलाधिकारी के बदलने से इसमें व्यवधान आया था, क्यों कि उनके डिजीटल हस्ताक्षर से ही प्रमाण पत्र जारी होते हैं। तबादले के बाद आए नये अधिकारियों का डिजीटल हस्ताक्षर लखनऊ भेजने में कई दिन लग जाते हैं। वहीं बीच में सर्वर की स्थिति भी कुछ ठीक नहीं थी। इससे जिले के हजारों प्रमाण पत्र फंस गए थे। हालांकि अब पिछले सप्ताह से स्थित में काफी सुधार आया है और अटके पड़े प्रमाण पत्रों को जारी कर दिया गया है। इसके बाद भी अभी सैकड़ों प्रमाण पत्र अटके पड़े हैं।

बोले अधिकारी..

सदर एसडीएम अरूण कुमार सिंह ने बताया कि सर्वर डाउन होने से पहले थोड़ी समस्या आई थी लेकिन अब ऐसा नहीं है। शासन द्वारा निर्धारित बीस दिन की समय सीमा में प्रमाणपत्र जारी किए जा रहे हैं।


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