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गजलों का लुत्फ उठाते रहे श्रोता

दिलदारनगर (गाजीपुर) : सर सैयद अहमद खा की जयंती के मौके पर शुक्रवार की रात सरैला रोड स्थित हाजी मकबूल

By Edited By: Published: Sat, 18 Oct 2014 07:15 PM (IST)Updated: Sat, 18 Oct 2014 07:15 PM (IST)
गजलों का लुत्फ उठाते रहे श्रोता

दिलदारनगर (गाजीपुर) : सर सैयद अहमद खा की जयंती के मौके पर शुक्रवार की रात सरैला रोड स्थित हाजी मकबूल खा के परिसर में शायरों ने समां बांध दिया। आल इंडिया कवि सम्मेलन व मुशायरे में दूर-दराज से पहुंचे नामचीन शायरों एवं कवियों ने शिरकत की। लोगों ने पूरी रात मुशायरा का लुत्फ उठाया।

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कार्यक्रम की शुरुआत तुफैल शमसी ने नाते पाक से की। डा. आरिफ नसीम ने मंत्री प्रतिनिधि मन्नू सिंह को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। हास्य कवि फजीहत गहमरी ने एक से बढ़कर एक हास्य व्यंग्य प्रस्तुत कर श्रोताओं को खुब गुदगुदाया। वही बलरामपुर से आई शायरा रूखसार ने जब 'चंद लमहो की फकत तेरी मसिहाई है, फिर वहीं मै हूं वही रात की तनहाई है' सुनाया तो श्रोता झूम उठे।

सिवान बिहार से आए हास्य कवि सुनील कुमार तंग ने 'इस दशहरे मे बुराई मिटाने आ गए, एक रावण को कई रावण जलाने आ गए' सुनाकर वाह वाही लूटी। जौहर कानपुरी ने आते ही नेताओं पर व्यंग्य कसा। 'सफेदपोशों से दिल की कहानियां मत जोड़ो, ये लोग दिल नहीं दिल्ली से प्यार करते हैं' सुना कर कार्यक्त्रम मे समां बाध दिया। शायर कलीम कैसर, शबीना अदिब, रईस अंसारी आदि शायरों ने गजल प्रस्तुत कर श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया।

संचालन अनवर जलालपुरी व अध्यक्षता रईस अंसारी ने की। इस मौके पर फजले रब, तौकिर खा, मेराज खा, शहरियार, इरफान, अनील यादव, अकबर, इकबाल, डा. अमजद, क्षेत्राधिकारी खलिकुजमा, शौकत खा, जुबैर खा, शमशाद खा, सोना गुप्ता आदि थे।


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