जनता के लिए रामबाण है जनहित याचिका
गाजीपुर : पटना हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति हेमंत कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि न्याय व्यवस्था में जनता कहां
गाजीपुर : पटना हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति हेमंत कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि न्याय व्यवस्था में जनता कहां है, यह विचारणीय प्रश्न है। जनहित याचिका जनता के लिए रामबाण है। कानून एक निरंतर प्रक्रिया है और यह निश्चित रूप से आम जन की तरफ बढ़ रहा है। श्री श्रीवास्तव शनिवार को सिविल कोर्ट परिसर स्थित दशकक्षीय भवन में दो दिवसीय राज्य स्तरीय सम्मेलन के पहले दिन 'कानून और अधिवक्ता जनता के लिए' विषय पर बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।
उच्च न्यायालय लखनऊ पीठ के न्यायमूर्ति अरविंद कुमार त्रिपाठी ने कहा कि नए अधिवक्ताओं में ज्ञान की कमी देखने को मिल रही है। वाद में त्रुटि होने का सीधा असर फरियादी पर पड़ता है। अधिवक्ता जनता के पक्ष को प्रस्तुत करते हैं इसलिए उन्हें विधि का पूरा ज्ञान होना चाहिए। बार कौंसिल उत्तर प्रदेश के सदस्य हरिशंकर सिंह ने कहा कि न्यायिक अधिकारियों को मजबूत होने की आवश्यकता है, तभी जनता को न्याय मिल सकता है। न्यायिक प्रशासनिक अधिकरण इलाहाबाद बेंच के सदस्य जैसमिन अहमद ने कहा कि कानून समाज को अनुशासित करने के लिए होता है। इसका संबंध अधिवक्ता से होता है। इंडियन एसोसिएशन आफ लायर्स के मंडल अध्यक्ष वाईएस लोहित ने कहा कि दंड संहिता प्रक्रिया चल रही है, न्याय संहिता नहीं चल रही। दोनों पक्षों का सुलह-समझौते से निपटारा किया जा सकता है। राज्य सचिव सुरेश चंद्र त्रिपाठी ने कहा कि कानून में बदलाव की आवश्यकता है। न्यायिक अधिकारी लालचंद पांडेय, अशोक कुमार, अधिवक्ता निसिथ सिंह, शिवशंकर सिन्हा, सत्येंद्र श्रीवास्तव, सरिता गुप्ता, ज्योत्सना श्रीवास्तव, सच्चिदानंद सिंह, योगेश वर्मा, पालिकाध्यक्ष विनोद अग्रवाल, कांग्रेस नेता मारकंडेय सिंह के अलावा बाराबंकी के रणधीर सिंह सुमन, गोरखपुर के राकेश राय आदि मौजूद थे। अध्यक्षता सुनील कपूर ने की। संचालन अरुण कुमार सिंह ने किया। अतिथियों को आयोजक संगठन की तरफ से स्मृति चिह्न और साल भेंट की गई। मुख्य अतिथि ने शहीद वेदी पर पुष्प अर्पित किए।