कामधेनु के लिए किसानों को नहीं मिलेगा ऋण
गाजीपुर : पशुपालन विभाग द्वारा संचालित कामधेनु योजना किसानों नहीं बल्कि व्यापारियों के लिए है। किसान
गाजीपुर : पशुपालन विभाग द्वारा संचालित कामधेनु योजना किसानों नहीं बल्कि व्यापारियों के लिए है। किसानों को उनके जमीन पर इतना बड़ा ऋण स्वीकृत नहीं किया जाएगा। इसके लिए शहर में कोई प्रापर्टी या बिजनेस होना चाहिए। यह कहना यूबीआइ के अग्रणी जिला प्रबंधक बीडी महतो का है। बुधवार को विकास भवन में हो रही किसान दिवस की बैठक में यह मुद्दा उठा था।
मिनी का कामधेनु योजना 53 लाख एवं बढ़ी योजना सवा करोड़ रुपये की है। इसके लिए कई किसानों ने भी आवेदन किया था। सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद उनका चयन भी हो गया लेकिन अब बैंक उन्हें ऋण ही नहीं दे रहे हैं। इससे उनकी योजना अधर में लटक गई है। इसके अलावा बैठक में बिजली, नहर एवं नलकूप का भी मुद्दा उठाया गया। किसान प्रतिनिधियों ने कहा कि न तो नहरें पूरी क्षमता से चल पा रही हैं और न ही पर्याप्त बिजली ही मिल रही है।
वहीं सरकारी नलकूपों की भी वही स्थिति है। इससे धान की फसल चौपट हो गई। प्रदेश सरकार द्वारा जिले को सूखाग्रस्त घोषित करने पर भी आशंका व्यक्त की गई। मांग किया गया कि जिला प्रशासन शीघ्र सूखे की रिपोर्ट बनाकर शासन को प्रेषित करे जिससे किसानों को राहत राशि मिल सके। कुछ किसानों ने कहा कि निशुल्क बोरिंग में जो पाइप लगाया जाता है उसकी गुणवक्ता घटिया होती है, इससे वह जल्दी खराब हो जा रहा है।
ऐसे में बोरिंग खराब हो जा रही है। इस पर सीडीओ ने लघु सिंचाई विभाग को निर्देश दिया कि बोरिंग में अच्छे गुणवक्ता की पाइप लगाना सुनिश्चित करें।