संत चलते-फिरते तीर्थ
गाजीपुर : शहर के जमलापुर में गुलाबदास बाबा मंदिर परिसर में चल रही संगीतमय भागवत कथा में चौथे दिन शनिवार की शाम संतों की महत्ता पर प्रकाश डाला गया। आचार्य मनोज अवस्थी महाराज ने कहा कि संत भगवान तुल्य होते हैं। संत वाणी से ही प्रभावित नहीं करते बल्कि जिस घर में उनके चरण पड़ते हैं, भक्त का कल्याण हो जाता है। संत चलते-फिरते तीर्थ हैं। वे जहां जाते हैं उद्धार करते हैं।
उन्होंने कहा यह संसार दुख का घर है। हृदय में स्वच्छ विचार, भावनाएं व ईश्वर के लिए समर्पण का भाव होना चाहिए। कढ़ी बनी हुई कढ़ाई में जिस ्रप्रकार खीर नहीं बनाई जा सकती, उसी प्रकार हृदय में दुर्भावनाओं के रहते ईश्वर निवास नहीं करते। उन्होंने गजेंद्र मोक्ष, समुद्र मंथन, वामन अवतार की कथा सुनाई। जवाहर लाल वर्मा, अवधेश कुशवाहा, विनय राय, कमला पाल, रामनवमी पाल, संतोष पांडेय, चंद्रशेखर, नरेंद्र पाठक आदि सहयोग में लगे थे।