बाढ़ के बाद सूखा ने किया तबाह, किसान परेशान
लौवाडीह (गाजीपुर) : पापा मुझे फीस देना हैं। बेटा अगले महीने में दे देना। अरे पापा.. अगले महीने फीस देने पर मेरा नाम स्कूल से काट दिया जाएगा। इस वर्ष बेटी की शादी करनी थी लेकिन अगले वर्ष करेंगे क्योंकि फसल बर्बाद हो गई है। यह किसी फिल्म का डायलाग नहीं बल्कि करईल के किसानों का दर्द हैं।
क्षेत्र के किसान एक वर्ष से बाढ़ व सूखा से बर्बाद हो चुकी फसल की आर्थिक मार झेल रहे हैं। बीते वर्ष पूंजी लगाकर काफी उम्मीद से धान की खेती किए लेकिन बाढ़ ने सब बर्बाद कर दिया। शासन की ओर से बाढ़ राहत या फसल बीमा का लाभ भी नहीं मिल सका। इसके बाद किसान कर्ज लेकर रबी फसल की खेती किए। असमय बरसात ने फसल को चौपट कर दिया।
किसी तरह से इस वर्ष धान की खेती किए अब फसल सूखा से बर्बाद हो रही है। आगे रबी फसल की बोआई मुश्किल होती दिख रही है। वहीं किसान पूरी तरह से कर्ज में डूब गए गए हैं। उनके सामने परिवार का खर्च चलना मुश्किल हो गया है। ऐसी स्थिति के बावजूद प्रशासन मौन है। किसान कामेश्वर नाथ मिश्र ने बताया कि धान की फसल सूखा से बर्बाद हो रही है। आगे का खर्च कैसे चलेगा समझ में नहीं आ रहा है।
सुरेश राय का कहना है कि जनप्रतिनिधि समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। दिन पर दिन कर्ज से दबते जा रहे हैं। अशोक यादव ने बताया कि खेती में बर्बादी के चलते उनके लड़के का एडमिशन इंजीनियरिंग में नहीं हो सका। रामअवध का कहना है कि इस बार पेशगी पर खेती किए थे। फसल सूख रही है। लागत निकालना भी मुश्किल हो जाएगा।