कटौती के खिलाफ कर्मचारियों व अभियंताओं ने भी भरी हुंकार
गाजीपुर : घोषित व अघोषित कटौती से न सिर्फ आम जनता वरन विभागीय कर्मचारी भी गुस्से में हैं। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के सदस्यों ने इस मामले पर सोमवार को हुंकार भरी। लाल दरवाजा स्थित पावर हाउस पर जुटे इन विभागीय कर्मचारियों व अधिकारियों के नारे जनता को बिजली दो, मजदूरों को न्याय दो देर तक गूंजता रहा।
इस धरना-प्रदर्शन के दौरान समिति के संयोजक निर्भय नारायण सिंह ने कहा पहले की तरह जनपद को रात नौ से सुबह छह बजे तक बिजली कटौती से मुक्त किया जाना चाहिए। इससे दिन भर की थकान के बाद घर पहुंचा इंसान रात में आराम की नींद ले सके। मानसून की कमी के कारण बिजली उत्पादन पर पड़े असर के कारण किसान सिंचाई नहीं कर पा रहे हैं। सह संयोजक अभियंता आशीष गुप्त ने कहा कि बिजली की मांग और उत्पादन में अंतर है।
साथ ही उत्पादन की कई इकाइयां भी बंद हैं। इससे उत्पन्न जनाक्रोश का सीधा खामियाजा उपकेंद्रों पर तैनात कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा है। सुरेश चंद्र सिंह ने कहा कि पिछले बीस वर्षो के दौरान कोई नया बिजली उत्पादन इकाई नहीं लगने के कारण स्थिति भयावह हुई है। सरकार को बिजली उत्पादन इकाई की स्थापना के लिए निजी क्षेत्र से पहल करनी चाहिए। अभियंता महेंद्र मौर्य ने कहा कि सर्वेक्षण कराने के बाद जर्जर तारों व ट्रांसफार्मरों को बदल कर जनता को राहत पहुंचाई जा सकती है।
सभा के दौरान ही अधीक्षण अभियंता के माध्यम से ऊर्जा सचिव, शासन व उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड को ज्ञापन दिया गया। सभा में प्रमुख रूप से कोमल सिंह यादव, सुपुष्प कुमार, एके राय, रत्नेश, एसएन मौर्य, रामनरेश, पीएन तिवारी, धर्मेद्र सिंह, दिनेश सिंह, अरविंद, एसपी मिश्र आदि ने भी विचार व्यक्त किए।