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औपचारिकता तक सिमटा तहसील दिवस

By Edited By: Published: Tue, 19 Aug 2014 08:24 PM (IST)Updated: Tue, 19 Aug 2014 08:24 PM (IST)
औपचारिकता तक सिमटा तहसील दिवस

गाजीपुर : तहसील दिवस औपचारिकता की सीमा से बाहर नहीं निकल पा रहा है। जनसमस्याओं के त्वरित निस्तारण के लिए विभिन्न तहसीलों में आयोजित तहसील दिवस में 647 मामले आए जिसमें 35 का मौके पर निस्तारण किया गया। अधिकतर मामले भूमि विवाद संबंधी के थे। इनके निस्तारण के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया गया।

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जमानियां तहसील में हुए मुख्य तहसील दिवस 162 आवेदन आए जिसमें चार का तत्काल निस्तारण किया गया। शेष आवेदन पत्र के निस्तारण के लिए संबंधित अधिकारियों को उपलब्ध कराते हुए उन्हें गुणवत्तापूर्ण निस्तारण सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया गया। मुख्य विकास अधिकारी रामअवतार ने कहा कि निस्तारण के मामले में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा।

साथ ही निस्तारण पत्रों का क्त्रास चेकिंग भी की जाएगी। इस अवसर पर सीएमओ डा. एमपी सिंह, उपजिलाधिकारी वीएस सिंह, जिला विकास अधिकारी सुरेश चंद्र राय, सहायक निबंधक सहकारिता आरआर विश्वकर्मा, तहसीलदार निगम के अतिरिक्त जनपद स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।

सदर तहसील में 102 शिकायती पत्र आए जिसमें छह का मौके पर निस्तारण किया गया। इस दौरान शिकायती पत्रों की गुणवत्ता की जांच के लिए निस्तारित आवेदन पत्रों की क्त्रास पूछताछ की। उपजिलाधिकारी एसडीसिंह, तहसीलदार सीएल सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। मुहम्मदाबाद : तहसील दिवस में 118 आवेदन पत्र में 16 का निस्तारण किया गया। तहसील दिवस की अध्यक्षता उपजिलाधिकारी कैलाश सिंह ने की।

सैदपुर : तहसील दिवस में 124 मामले आए। इसमें सात का निस्तारण किया गया। बाकी आवेदन पत्रों को संबंधित विभागों को समय सीमा के अंतर्गत निस्तारित करने का निर्देश दिया गया। जखनियां : तहसील दिवस में कुल 141 मामले आए जिसमें से मात्र छह का निस्तारण हो सका। अध्यक्षता उपजिलाधिकारी भानु प्रताप सिंह ने की।

खाद्यान्न की मांग को लेकर दिया धरना

मुहम्मदाबाद : जिलाधिकारी सहित उच्चाधिकारियों के यहां दौड़ लगाने के बावजूद सुनवाई न होने से परेशान बाराचवर ब्लाक के मांटा गांव के पांच वृद्ध तहसील परिसर में धरने पर बैठ गए। धरना पर बैठे जगरनाथ जायसवाल, मुनेसर राजभर, परमेश्वर राजभर, फौजदार राजभर व शंभू मौर्य ने बताया कि उनके पास बीपीएल कार्ड होने के बावजूद चार माह से कोटेदार उन्हें खाद्यान्न उपलब्ध नहीं करा रहा है।

दुकान पर जाने पर यह बताया जाता है कि इस बार तुम्हारा खाद्यान्न नहीं आया है। इसकी शिकायत जिलाधिकारी सहित सभी अधिकारियों से वे कर चुके है। पिछले सप्ताह खंड विकास अधिकारी से गुहार लगाया। लेकिन केवल आश्वासन मिला। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें खाद्यान्न दिलाए जाने की व्यवस्था नहीं हुई तो वे तहसील परिसर में ही अनशन कर दम तोड़ देंगे।

जानकारी मिलने पर मौके पर पहुंचे एसडीएम कैलाश सिंह ने खंड विकास अधिकारी पीएन मिश्रा को बुलाकर तीन दिन के अंदर गांव के बीपीएल सूची की जांच कर अपात्रों को हटाकर इन पात्रों को खाद्यान्न उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।


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