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चार डाक्टरों के भरोसे आधी आबादी

By Edited By: Published: Thu, 24 Jul 2014 09:00 PM (IST)Updated: Thu, 24 Jul 2014 09:00 PM (IST)
चार डाक्टरों के भरोसे आधी आबादी

गाजीपुर : जनपद की स्वास्थ्य व्यवस्था बेपटरी हो गई है। जनपद के आधी आबादी के स्वास्थ्य की देखभाल करने की जिम्मेदारी सिर्फ चार महिला चिकित्सकों पर है। इसमें से तीन तो ग्रामीण अस्पतालों में तैनात हैं लेकिन जिला महिला अस्पताल मात्र सीएमएस के भरोसे ही चल रहा है। यहां तैनात नौ डाक्टरों में से सात अवकाश पर हैं। ऐसे में सामान्य प्रसव तो किसी तरह नर्सो के भरोसे हो रहा है लेकिन सीवियर प्रसव नहीं हो पा रहा है।

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पिछले जनवरी से ही जिला महिला अस्पताल चिकित्सकों की कमी से जूझ रहा है। यहां सिर्फ दो चिकित्सक डा. विनीता जायसवाल तथा डा. तारकेश्वर सिंह के अलावा प्रभारी सीएमएस डा. प्रतिभा पाल तैनात हैं। इसे देखते हुए जिलाधिकारी चंद्रपाल सिंह ने सीएमओ को ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों में कार्यरत सभी आठ महिला चिकित्सकों को जिला अस्पताल से संबद्ध कर दिया। ग्रामीण अस्पतालों में मनमानी ड्यूटी करने वाली चिकित्सकों को जिला अस्पताल की सख्त ड्यूटी रास नहीं आई। उसमें से दो चिकित्सकों डा. मनीषा सेंगर एवं डा. रीमा कुमारी ने सीएमओ से अपनी ड्यूटी कटवा लीं। ग्रामीण क्षेत्रों की शेष छह में से पांच चिकित्सक डा. प्रियंका, डा. प्रियंका राय, डा. अनामिका राय, डा. अनुरिता सचान एवं डा. अनुजा स्मृति ने सीएमओ से अवकाश ले लिया। केवल दिलदारनगर में तैनात डा. संगीता कुमारी ही जिला अस्पताल में सप्ताह में दो दिन चौबीस-चौबीस घंटे की लगातार ड्यूटी कर रही हैं।

वहीं जिला अस्पताल के भी दो चिकित्सक डा. विनीता जायसवाल एवं डा. तारकेश्वर अवकाश पर हैं। यहां केवल प्रभारी सीएमएस डा. प्रतिभा पाल किसी तरह अस्पताल चला रही हैं। मतलब इस समय यहां के सीएमएस के भरोसे ही पूरा अस्पताल चल रहा है। इससे मरीजों को काफी परेशानी हो रही है। सामान्य प्रसव तो किसी तरह नर्स करा ले रही हैं लेकिन जिस महिला का आपरेशन कर प्रसव कराना है तो ऐसे मामले में जिला अस्पताल सीधा हाथ खड़ा कर दे रहा है। सुबह से शाम तक मरीजों को देखते-देखते खुद सीएमए बीमार पड़ गई हैं। अगर उन्होंने अवकाश लिया तो पूरा अस्पताल चिकित्सक विहीन हो जाएगा।

अवकाश से बिगड़े हालात

- सभी डाक्टरों के अवकाश पर चले जाने से हालात काफी बिगड़ गए हैं। वर्तमान में मेरे सिवाय कोई चिकित्सक नहीं है। इससे ओपीडी के साथ आकस्मिक सेवा के लिए समस्या खड़ी हो गई है। किसी भी दिन मरीजों का हंगामा हो सकता है।

- डा. प्रतिभा पाल, प्रभारी सीएमएस जिला महिला अस्पताल।


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