Move to Jagran APP

कैसे बुझेगी आने वाली पीढि़यों की प्यास

By Edited By: Published: Sat, 19 Jul 2014 07:11 PM (IST)Updated: Sat, 19 Jul 2014 07:11 PM (IST)
कैसे बुझेगी आने वाली पीढि़यों की प्यास

गाजीपुर : भूगर्भ जल के बेतहाशा हो रहे दोहन से दिन पर दिन नीचे भाग रहे भूमिगत जल स्तर हमारे आने वाली पीढि़यों के लिए खतरे की घंटी है। अगर हम अभी भी नहीं चेते और पानी का संरक्षण नहीं किया तो आने वाली पीढि़यों की प्यास नहीं बुझ पाएगी। हमारी नासमझी से बरसात का पानी भूमि के अंदर जाने की जगह नदियों में बह जाता है। इससे भूमिगत जल रिचार्ज नहीं हो पा रहा है।

loksabha election banner

भूगर्भ जल का बहुत अपव्यय हो रहा है। पहले की अपेक्षा अब पांच गुना अधिक जल का दोहन हो रहा है। जितनी तेजी से भूमि से जल निकाला जा रहा है उसके सापेक्ष वह रीचार्ज नहीं हो रहा है। इससे भूमिगत जल स्तर तेजी से नीचे भाग रहा है। हमें अपनी आने वाली पीढि़यों की प्यास बुझाने के लिए अभी से जल का संरक्षण करना होगा। इसके लिए सबसे अच्छा उपाय है कि हम वर्षा जल से भूमि को रिचार्ज होने दें। पहले वर्षा जल का तीस फीसद रिचार्ज होता था और अब मात्र दस फीसद रिजार्च हो रहा है, शेष नब्बे फीसद पानी बह जाता है। दिन पर दिन कच्ची जमीन का एरिया भी कम होता जा रहा है। इससे बरसात का पानी भूमि के अंदर नहीं जा पा रहा है। लोग मकान बनाने के साथ गहरी बोरिंग भी कराते हैं और उसमें सबमर्सिबल लगा दिन-रात भूमिगत जल का दोहन कर रहे हैं।

ऐसे करें जल संरक्षण

- तालाब खोदवा कर, जिसमें बरसात का जल संचय हो।

- चेकडैम बनाकर, जिसमें बरसात एवं नदियों के पानी को रोका जा सके।

- खेतों के चारों तरफ मेड़बंदी करें ताकि वर्षा जल खेत में ही रुका रहे।

- रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का प्रयोग कर मकानों के छतों पर एकत्र होने वाले पानी को भूमि के अंदर डाला जाए।

- पानी का इस्तेमाल आवश्यकता के अनुसार ही करें।

सीडीओ ने सुझाए जल संरक्षण के उपाय

गाजीपुर : जल संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए सोलह से 22 जुलाई तक भूजल जागरुकता सप्ताह मनाया जा रहा है। इस संबंध में विकास भवन सभागार में शनिवार को एक संगोष्ठी का आयोजन भी किया गया। सीडीओ रामअवतार ने जल संरक्षण के महत्व को बताते हुए उसको बचाने के उपाय भी सुझाए। उन्होंने सभी विभागों को आपस में सामंजस्य बनाकर इसके लिए काम करने का निर्देश दिया।

सीडीओ ने कहा कि भूमिगत जल स्तर को बनाए रखने के लिए वर्षा के जल को भूमि के अंदर भेजना होगा। इसके लिए अधिक से अधिक तालाबों की खुदाई कर वर्षा जल को बर्बाद होने से रोकना होगा। निर्देश दिया गया कि जो पुराने तालाब लोगों द्वार पाट दिए गए हैं उनको राजस्व विभाग की मदद से फिर से खुदवाया जाए। सीडीओ ने जिला पंचायती विभाग, सिंचाई विभाग एवं लघु सिंचाई विभाग को निर्देश दिया कि वे आपस में समन्वय स्थापित कर भूमिगत जल स्तर को बढ़ाने का कार्य करें। इस मौके पर सभी जिला स्तरीय अधिकारी एवं खंड विकास अधिकारी मौजूद रहे। संचालन लघु सिंचाई विभाग के अवर अभियंता आरके सिंह ने की।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.