मुकद्दस महीने में होती है रहमतों की बारिश
गाजीपुर : माह-ए-रमजान के तीसरे जुमा पर नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में रोजेदारों का सैलाब उमड़ पड़ा। जामा मस्जिदों में शुक्रवार को रोज की अपेक्षा नमाजियों की भीड़ अधिक थी। रमजान के दिन जैसे-जैसे गुजरते जा रहे हैं रोजेदारों की इबादत में इजाफा होता जा रहा है। शाम होते ही मस्जिदों में रोजेदारों की भीड़ इकट्ठा हो गई। मगरिब की आजान होते ही रोजेदारों ने रोजा खोला।
इस मुकद्दस महीने में खुदा के रहमत की बारिश होती है। दुनिया भर के करोड़ों मुस्लिम हर साल रमजान का इंतजार करते है, ताकि वह अल्लाह के मेहमान बन सके। लिहाजा माह रमजान आते ही मुस्लिम समुदाय के लोग रोजे, नमाज तथा अन्य इबादतों में लग जाते है जिससे मस्जिदों की रौनक बढ़ जाती है। खासियत यह है कि अगर किसी मोमिन के जरिए पहला रोजा रखा जाता है तो अल्लाह ताला रमजान के आखिर तक उसके सारे गुनाह माफ कर देता है। हजरत मुस्तफा (स.) ने फरमाया कि रमजान की पिछली रात अल्लाह ताला अपने मखलूक पर नजर फरमाता है जिससे वह बंदा अल्लाह के कहर से महफूज हो जाता है। हजरत मुहम्मद (स.)ने फरमाया कि रोजा महज खाना-पीना छोड़ने का नाम नहीं है बल्कि गुनाहों, बेहयाई, बदनीयती, गीबत, चुगलखोरी आदि को भी इसमें छोड़ा जाता है। दिलदारनगर : माह-ए-रमजान की तीसरे जुमे की नमाज नगर सहित कमसार-ओ-बार के क्षेत्र स्थित मस्जिदों में खिराज-ए-अकीदत के साथ अदा की गई। जामा मस्जिद, फखरिया सुलेमानिया, गौसुलवरा मदीना सहित उसिया, बहुअअरा, चित्रकोनी, ताजपुर कुर्रा, रक्सहां, भक्सी, सिंहानी, कुसी, देवैथा, जबुरना, मिर्चा आदि गांव में जुमा की नमाज हुई।
रमजान का कदीमी जुलूस कल
अल्लाह के रसूल (स.) के दामाद व शियों के पहले इमाम हजरत अली (र.) के यौमे शहादत के मौके पर रविवार को जुलूस बरामद होगा, जो मुहल्ला खुदाईपुरा, नखास स्थित इमामबारगाह मीर अली हुसैन से निकल कर अपने कदीमी रास्तों से होता हुआ स्टीमरघाट स्थित हाजी अली वेलायत अली इमामबाड़े में बढ़ाया जाएगा। इसकी पहली मजलिस सुबह दस बजे शुरू होगी। इसके फौरन बाद दूसरी मजलिस मौलाना रिजवानुल मारुफी खिताब फरमाएंगे। जुलूस के दौरान मौलाना तनवीरूल हसन जैनबी, मौलाना अमीर हसन तथा मौलाना जाबीर अली आदि तकरीर करेंगे।