दूसरे दिन भी ठप रहा मूल्यांकन कार्य
गाजीपुर : यूपी बोर्ड की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कार्य दूसरे दिन शुक्रवार को भी अधिकतर केंद्रों पर ठप रहा। नाम मात्र ही परीक्षकों ने मूल्यांकन कार्य किया, जबकि अधिकतर परीक्षक कार्य बहिष्कार कर अपनी मांग पर अड़े रहे।
राजकीय सिटी इंटर कालेज में उप प्रधान परीक्षक 25 तथा मात्र 120 सहायक परीक्षक ही उपस्थित रहे। इन्होंने 25 उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन भी किया। बोर्ड के आदेश के अनुसार नौ मई तक ही साढ़े चार लाख उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन करना है। ऐसी स्थिति में मूल्यांकन होना संभव नहीं दिख रहा है। वहीं परीक्षकों के कार्य बहिष्कार को देखते हुए शिक्षा विभाग के अधिकारियों के माथे पर बल पड़ रहे हैं। मरदह : कोठार के ताले नहीं खुले। परीक्षकों ने पूरी तरह से मूल्यांकन का बहिष्कार किया। केंद्र पर नौ उप प्रधान परीक्षक तथा 50 सहायक परीक्षक आए थे। सैदपुर : नगर के मूल्यांकन केंद्र टीएन इंटर कालेज पर दूसरे दिन भी शिक्षकों ने मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार किया। जेडी ने प्रभारी प्रधानाध्यापक अशोक चौबे से मोबाइल पर वार्ता कर केंद्र की स्थिति की जानकारी ली। नंदगंज : शहीद इंटर कालेज में मूल्यांकन कार्य पूरी तरह से ठप रहा। दोनों संगठनों के लोगों ने गेट पर सभा कर अन्य संगठनों से सहयोग की अपील की। आदोलन में रामबदन यादव, विजय श्रीवास्तव, राणा प्रताप सिंह, चंद्रसेन यादव, कमला सिंह, झल्लन सिंह, निराला राय, रामजन्म यादव, पप्पू यादव, तहसीलदार यादव, जयशंकर, रामचंद्र यादव आदि थे।
मुहम्मदाबाद : माध्यमिक शिक्षक संघ व वित्तविहीन शिक्षक संघ की ओर से मूल्यांकन कार्य बहिष्कार दूसरे दिन पर जारी रखा गया। मूल्यांकन केंद्र पर पूर्वाह्न 10 बजे से शिक्षक एकत्रित हो गए। उप नियंत्रक शंकर दयाल राय की देखरेख में कोठार खोला भी गया। मूल्यांकन के लिए संस्कृत का एक बंडल व गणित का दो बंडल उप प्रधान परीक्षक के टेबुल तक ले जाया गया लेकिन विरोध के चलते बंडल को उसी तरह कोठार में वापस कर दिया गया। उप नियंत्रक शंकर दयाल राय ने बताया कि केंद्र पर गणित के 18, अंग्रेजी के 26, संस्कृत के 13 और गृहविज्ञान के एक टेबुल के माध्यम से 195186 उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कराया जाना है। वहीं 57563 उत्तर पुस्तिकाएं अभी तक केंद्र को प्राप्त नहीं हुई हैं। परिसर में शिक्षक धरने पर बैठकर नारेबाजी करते रहे।
परीक्षकों से मांगा स्पष्टीकरण
जिला विद्यालय निरीक्षक रामकरन यादव ने कहा कि राजकीय व सहायता प्राप्त विद्यालयों के परीक्षकों को नो वर्क नो पे का निर्देश जारी कर दिया गया है। साथ ही उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है। वहीं वित्त विहीन परीक्षकों को परिषद कार्य से सदा के लिए बाहर का रास्ता दिखाने के लिए बोर्ड से दिशा निर्देश लिया जा रहा है। उन्होंने परीक्षकों से आह्वान किया कि वे आकर मूल्यांकन कार्य शुरू करें।
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