स्कूल में होती ऑक्सीजन, तो बच जाता अरमान!
जागरण संवाददाता, साहिबाबाद : जीडी गोयनका पब्लिक स्कूल, शक्ति खंड-तीन इंदिरापुरम में चौथी के
जागरण संवाददाता, साहिबाबाद : जीडी गोयनका पब्लिक स्कूल, शक्ति खंड-तीन इंदिरापुरम में चौथी के छात्र अरमान सहगल की मौत प्रकरण में शुक्रवार को मजिस्ट्रेट जांच में स्कूल प्रबंधन, प्रधानाचार्य, शिक्षक, कर्मचारी और विद्यार्थियों के बयान दर्ज किए गए। अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व राजेश कुमार यादव व जिला विद्यालय निरीक्षक राज ¨सह यादव ने करीब ढाई घंटे तक तक स्कूल में जांच की। जांच में सामने आया कि यदि स्कूल के मेडिकल रूम में अरमान को ऑक्सीजन और प्राथमिक उपचार मिल जाता, तो उसकी जान बचाई जा सकती थी। आज शनिवार को अरमान के परिजनों का बयान दर्ज होगा।
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ढाई घंटे तक हुई मजिस्ट्रेट जांच : राजेश कुमार यादव टीम के साथ सुबह करीब 10 बजे स्कूल पहुंचे। पुलिस क्षेत्राधिकारी इंदिरापुरम डॉ. राकेश कुमार मिश्रा, थाना प्रभारी इंदिरापुरम सुशील दुबे और अरमान की मां स्वाती सहगल व पिता गुलशन सहगल की मौजूदगी में जांच शुरू की। टीम ने मामले में आरोपी स्कूल चेयरमैन अंकुर मल्होत्रा व प्रधानाचार्य डॉ. कविता शर्मा से अलग-अलग बयान लिए। स्कूल कर्मचारियों, शिक्षकों व विद्यार्थियों के भी बयान दर्ज किए। राजेश कुमार यादव ने बताया कि अरमान के गिरने की बात सामने आ रही है। सभी के बयानों की वीडियोग्राफी कराई गई है। शनिवार को अरमान के परिजनों का बयान दर्ज किया जाएगा। रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपी जाएगी।
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स्कूल प्रबंधन नहीं दे सका जवाब : टीम ने स्कूल प्रबंधन द्वारा बताए जा रहे घटनास्थल व आसपास की जांच की। अरमान के पिता गुलशन सहगल ने बताया कि इस दौरान मजिस्ट्रेट द्वारा किए गए सवालों का स्कूल प्रबंधन के पास कोई जवाब नहीं रहा। जिस स्थान को घटनास्थल बताया जा रहा है वहां और अरमान की कक्षा में सीसीटीवी क्यों नहीं लगे हैं। इस पर स्कूल प्रबंधन ने कहा कि कुछ जगहों पर सीसीटीवी हैं और कुछ जगह पर नहीं हैं। मजिस्ट्रेट ने इसका औचित्य पूछते हुए कहा कि यहां पर चार कक्षाओं का प्रवेश है, तो सीसीटीवी क्यों नहीं लगाया जबकि अन्य तल पर उसी जगह लगे हैं। उन्होंने बताया कि प्रधानाचार्य व चेयरमैन यह भी नहीं बता पाए कि कॉरीडोर में जो सीसीटीवी लगे हैं, उनमें अरमान के द्वितीय तल तक जाने की तो फुटेज है, लेकिन वहां पर जब उसे चोट लगी और उसे मेडिकल रूम तक लाया गया, तो उसकी फुटेज क्यों नहीं है। आखिर वह फुटेज कहां गई। सिर्फ मेडिकल रूम की फुटेज है या फिर उसे वहां से ले जाते समय की, जबकि द्वितीय तल के कॉरीडोर में सीसीटीवी लगा हुआ है।
स्कूल में नहीं मिला प्राथमिक उपचार : गुलशन सहगल ने बताया कि मेडिकल रूम की जांच के दौरान मजिस्ट्रेट ने नर्स से बात की, तो उसने कहा कि वह घटना के समय एक टीचर को देखने गई थीं। अगर वह वहां होती, तो अरमान को प्राथमिक उपचार देती। अरमान को मेडिकल रूम तक लाने वाले स्टॉफ ने कहा कि उसे ऑक्सीजन की जरूरत थी। उसे ऑक्सीजन मिल जाती, तो वह बच जाता। उसकी मौत नहीं होती यह हो सकता था कि वह कोमा में चला जाता। बाद में वह ठीक हो सकता था।