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चालक के पैर थके तो सूर्यदेव खींचेंगे रिक्शा

जागरण संवाददाता, साहिबाबाद साइकिल रिक्शा चलाकर आजीविका कमाने वाले मेहनतकश लोगों की मदद अब सूर्

By JagranEdited By: Published: Wed, 28 Jun 2017 09:53 PM (IST)Updated: Wed, 28 Jun 2017 09:53 PM (IST)
चालक के पैर थके तो सूर्यदेव खींचेंगे रिक्शा
चालक के पैर थके तो सूर्यदेव खींचेंगे रिक्शा

जागरण संवाददाता, साहिबाबाद

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साइकिल रिक्शा चलाकर आजीविका कमाने वाले मेहनतकश लोगों की मदद अब सूर्य की ऊर्जा से हो सकेगी। सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड ने ऐसा सोलर साइकिल रिक्शा तैयार किया है जो तेज धूप से ऊर्जा ग्रहण करेगा और हर रोज कम से कम 60 किलोमीटर की दूरी तय कर सकेगा। केंद्र सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने बुधवार को साहिबाबाद स्थित सीईएल परिसर में सोलर साइकिल रिक्शा और एक मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन संयंत्र का लोकार्पण किया और परिसर में ही प्रस्तावित सोलर पार्क की आधारशिला रखी।

बुधवार को दोपहर बाद सीईएल परिसर पहुंचे पृथ्वी विज्ञान, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन के केंद्रीय मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि भारत दुनिया में सौर ऊर्जा का बड़ा केंद्र बन गया है। विदेशी भी भारत में सौर ऊर्जा के प्रयोगों से परिचित होने के लिए आ रहे हैं। चीन की सौर ऊर्जा उपकरण इंडस्ट्री बहुत आगे है, लेकिन गुणवत्तापूर्ण उत्पादन में भारत के विशेषज्ञ सबसे आगे हैं। सीईएल ने जिस तरह से सौर ऊर्जा पैनल बनाने और साइकिल रिक्शा तैयार करने में श्रेष्ठता दिखाई है वह इसका प्रमाण है। सीईएल के सीएमडी डा. नलिन ¨सघल ने बताया कि कंपनी 1978 से इस दिशा में काम कर रही है। पहला सोलर पैनल बहुत भारी था लेकिन अब इतने हल्के पैनल तैयार हो रहे हैं कि साइकिल रिक्शा की छत पर इसे आसानी से फिट किया जा सकता है। उद्घाटन मौके पर आयोजित कार्यक्रम में सोलर प्लांट और सोलर रिक्शा तैयार करने में अहम भूमिका निभाने वाले सीईएल कर्मियों को सम्मानित भी किया गया।

देश के छह लाख गांवों में सोलर एटीएम की तैयारी

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि केंद्र की मोदी सरकार गांवों तक एटीएम सुविधा देने की तैयारी में है। ग्रामीण क्षेत्रों में एटीएम के संचालन में बिजली आपूर्ति सबसे बड़ा अड़ंगा बना हुआ था। इस समस्या का हल सोलर एटीएम से निकाला गया है। जल्द ही देश के छह लाख गांवों में ऐसे एटीएम लगाए जाएंगे जो सौर ऊर्जा से संचालित होंगे।

सौर ऊर्जा पार्क होगा ज्ञान का खजाना

सीईएल परिसर में एक सौर ऊर्जा पार्क की स्थापना की जाएगी। बुधवार को केंद्रीय मंत्री ने पार्क की आधारशिला रखी। सीईएल के अधिकारियों ने बताया कि इस पार्क को नौ महीने के अंदर तैयार कर लिया जाएगा। पार्क में विभिन्न सौर ऊर्जा उत्पादों का प्रदर्शन होगा और तकनीक की जानकारी भी पार्क में आने वालों को दी जाएगी। कंपनी अधिकारी गिरीश साहनी के अनुसार पार्क सोलर ट्री, सोलर वाटर पं¨पग सिस्टम, सोलर पॉवर प्लांट, सोलर लाइटें और सोलर टीवी आदि का प्रदर्शन किया जाएगा। यह पार्क स्कूली बच्चों और सौर ऊर्जा क्षेत्र में कार्य करने वाली कंपनियों के लिए बेहद ज्ञानवर्धक एवं उपयोगी साबित होगा।

एक मेगावाट मिलेगी बिजली : सीईएल परिसर में बुधवार को केंद्रीय मंत्री ने जिस सोलर पॉवर प्लांट का उद्घाटन किया है उसे सीईएल के ही तकनीकी विशेषज्ञों ने मिलकर तैयार किया है। कंपनी के वरिष्ठ तकनीकी प्रबंधक हेमत कुमार दुबे ने बताया कि एक मेगावाट सोलर पॉवर प्लांट से बेहद कम लागत में तैयार किया गया है। कंपनी की जरूरतों के पूरा होने के बाद बची बिजली राज्य विद्युत निगम को बेची भी जाएगी।

सोलर साइकिल रिक्शा है खास

सीईएल ने जो सोलर साइकिल रिक्शा तैयार किया है वह बेहद खास है। रिक्शा की हैंडिल पर ही ऑन-ऑफ के लिए बटन दिए गए हैं तो हेडलाइट और हार्न की भी सुविधा है। रिक्शे की सीट दो लोगों के बैठने के लिए है। सीट इस तरह बनाई गई है कि इसे खोलकर एक बेड का स्वरूप दिया जा सकता है। हेमंत दुबे ने बताया कि इसके पीछे मंशा रिक्शे को ऐसे वाहन के तौर पर तैयार करने की है जो जरूरत पड़ने पर किसी मरीज को अस्पताल तक ले जा सके। रिक्शे के पिछले हिस्से में आराम से एक आदमी लेट सकता है।

मंत्री ने चलाया : केंद्रीय मंत्री इसकी खूबियों से इतने प्रभावित हुए कि सोलर पार्क के शिलान्यास स्थल से रिक्शा चलाकर लगभग तीन सौ मीटर दूर मुख्य कार्यक्रम स्थल तक पहुंचे।


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