प्राइवेट अस्पताल बंद होने से मरीजों को हुई परेशानी
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : इलाहाबाद में वरिष्ठ सर्जन की गोली मारकर हत्या किए जाने के विरोध में
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद :
इलाहाबाद में वरिष्ठ सर्जन की गोली मारकर हत्या किए जाने के विरोध में प्राइवेट डाक्टरों ने ओपीडी बंद कर हड़ताल की। अधिकांश डाक्टरों ने पुराने मरीजों को मैसेज कर अगले दिन का समय दिया जबकि नए मरीजों को इमरजेंसी अस्पताल में इलाज किया गया, सामान्य मरीजों को शाम पांच आने की बात कहकर वापस लौटा दिया गया। मंगलवार को डाक्टर ने काली पट्टी बांधकर कर कार्य करेंगे।
सोमवार को आइएमए के आह्वान पर जिले की अधिकांश अस्पतालों की ओपीडी बंद रहीं। मगर इमरजेंसी सेवाएं चालू रखी गई थीं। आइएमए के अध्यक्ष राजीव गोयल ने बताया कि 11 जनवरी को इलाहाबाद में जीवन ज्योति अस्पताल के वरिष्ठ सर्जन डा एमके खन्ना की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसके बावजूद अभी तक हत्यारोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। गिरफ्तारी की मांग को लेकर 12 जनवरी को चिकित्सकों ने सिटी मजिस्ट्रेट को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा था। उन्होंने बताया कि रविवार रात आइएमए उत्तर प्रदेश द्वारा निर्णय लिया गया था कि सोमवार को दस बजे से शाम पांच बजे तक ओपीडी बंद रखी जाएगी इसलिए हड़ताल की गई है। देर रात मैसेज जारी होने के कारण अधिकांश चिकित्सकों की सूचना नहीं मिल पाई। इसके चलते सभी चिकित्सकों ने सुबह अस्पतालों में पहुंच कर इलाज शुरू किया। कुछ पदाधिकारियों को मामले की सूचना मिली तो मरीजों की जांच के बाद हड़ताल में शामिल होने के लिए आइएमए भवन पहुंच गए। बैठक में आइएमए के उपाध्यक्ष वीबी ¨जदल ने कहा कि डाक्टरों की सुरक्षा के लिए मेडिकल प्रोटेक्शन क्रियान्यवित किया जाए। आए दिन डाक्टरों पर हमले हो रहे हैं। सर्जन के हत्यारोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो चिकित्सकों का आंदोलन जारी रहेगा। हड़ताल के दौरान सिर्फ ओपीडी बंद की गई थी, जबकि इमरजेंसी, पैथॉलाजी लैब सहित अन्य जांच जारी थी। इससे मरीजों को कोई विशेष परेशानी नहीं हुई। आइएमए भवन में महासचिव डा. एचएचडी भारद्वाज, संयुक्त सचिव डा. भावुक मित्तल, कोषाध्यक्ष शिशिर दत्त, डा. सचिन अग्रवाल, वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ एनके सोनी, डा. प्रहलाद चावला सहित अन्य चिकित्सक उपस्थित थे।
संयुक्त अस्पताल में भी डाक्टर रहे नदारद
संयुक्त अस्पताल में भी डाक्टरों के न रहने से मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ी। अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. दिनेश शर्मा कोर्ट मामले में बुलंदशहर गए थे। फिजीशियन डा आरसी गुप्ता ने रात में इमरजेंसी ड्यूटी की थी, इसलिए वह ओपीडी में नहीं थे। दो बजे से इमरजेंसी ड्यूटी होने के कारण आर्थोपेडिक सर्जन डा एसएन ¨सह भी नहीं थे। इसके अलावा डा संजय तेवतिया की इमरजेंसी में ड्यूटी होने के कारण ओपीडी खाली थी, जबकि प्रियदर्शी सागर भी ओपीडी में नहीं थे। इससे उपचार के लिए आने वाले मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ी।