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पैसा लौटाने के आदेश से पा‌र्श्वनाथ एस्कोटिका के आवंटी खुश

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : पा‌र्श्वनाथ एक्सोटिका के 70 आवंटियों को पैसा लौटाए जाने के सुप्री

By Edited By: Published: Fri, 26 Aug 2016 09:30 PM (IST)Updated: Fri, 26 Aug 2016 09:30 PM (IST)
पैसा लौटाने के आदेश से पा‌र्श्वनाथ एस्कोटिका के आवंटी खुश

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद :

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पा‌र्श्वनाथ एक्सोटिका के 70 आवंटियों को पैसा लौटाए जाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश से जहां आवंटियों के बीच खुशी की लहर है, वहीं जीडीए ने भी कहा है कि आदेश की प्रति प्राप्त होते ही आवंटियों के हितों को ध्यान में रखते हुए कार्रवाई कराई जाएगी।

उल्लेखनीय है कि पा‌र्श्वनाथ और आवंटियों के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है। इससे पूर्व पा‌र्श्वनाथ ग्रुप को नेशनल कंज्यूमर डिस्प्यूट रिडरेशल कमीशन (एनसीडीआरसी) से भी झटका मिल चुका है। पा‌र्श्वनाथ द्वारा तय समय पर पजैशन न मिल पाने के बाद फ्लैट खरीदार एनसीडीआरसी में गए थे, जहां से फ्लैट खरीदारों के पैसे को 12 प्रतिशत ब्याज, तीन लाख का कंपनशेशन और 25 हजार लीगल प्रोसेस के देने के निर्देश दिए गए थे। इस मामले में कोर्ट ने खरीदारों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए खरीदारों को पैसा लौटाने के निर्देश जारी किए हैं। खरीदारों ने कोर्ट के निर्णय पर खुशी का इजहार किया है।

इससे पहले एल्युमीनियम इंडस्ट्रीज के एमडी आरके अग्रवाल के फर्जी लेटर हैड पर जीडीए में नक्शा रिन्यू कराने के लिए आवेदन के मामले में भी कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए पा‌र्श्वनाथ ग्रुप के मालिकों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज करा पांच सितंबर को कोर्ट में हाजिर होने के आदेश दे रखे हैं। वर्ष 2004 में ग्रुप हाउ¨सग प्रोजेक्ट बनाने के लिए पा‌र्श्वनाथ ग्रुप को 45 एकड़ जमीन दी थी। अर्थला स्थित इस जमीन पर 900 फ्लैट बनाए जाने थे। प्रोजेक्ट को पूरा करने की मियाद साढ़े तीन साल थी लेकिन 12 वर्षों बाद भी आज तक पा‌र्श्वनाथ ग्रुप प्रोजेक्ट का पूरा नहीं कर सका। इस दौरान दो बार जीडीए से पास नक्शा भी एक्सपायर हो गया। इस दौरान फ्लैट खरीदार एनसीडीआरसी में गए, जहां से पा‌र्श्वनाथ ग्रुप के मालिकों को फ्लैट खरीदारों के पैसे को 12 प्रतिशत ब्याज, तीन लाख का कंपनशेशन और 25 हजार लीगल प्रोसेस के देने के निर्देश दिए। जीडीए अधिकारियों का कहना है कि कोर्ट के आदेश मिलते ही विभाग कार्रवाई करेगा।

हमें अभी कोर्ट से कोई आदेश नहीं मिला है। जीडीए को कोर्ट के आदेश की कॉपी मिलने के बाद आवंटियों के हितों को ध्यान में रखते हुए कार्रवाई की जाएगी।

र¨वद्र गोडबोले, सचिव

जीडीए


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